ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

फिरोजाबाद/ थाना उत्तर क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है। सेलई निवासी 35 वर्षीय मछला देवी की उपचार के दौरान बुधवार को मौत हो गई। महिला 20 दिन पहले खाना बनाते समय जल गई थी।
आशा कार्यकर्ता की सलाह पर परिजन मछला देवी को जलेसर रोड चौराहा स्थित प्रेम हॉस्पिटल ले गए। पति बृजेश ने बताया डॉक्टर्स लगातार आश्वासन देते रहे मरीज ठीक हो जाएगी। इलाज में डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च हुए।
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मौत के बाद डॉक्टर्स ने मरीज को जयपुर ले जाने की बात कही। इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। उन्होंने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की।
अस्पताल प्रशासन का कहना है महिला की हालत पहले से गंभीर थी। उपचार के दौरान मौत हुई है और लापरवाही के आरोप बेबुनियाद हैं।
फिरोजाबाद की गलियों में एक बार फिर दर्द और गुस्से की चीखें गूंज रही हैं! हाल निवासी थाना रामगढ़ के आंबेडकर नगर सेलई की 35 साल की मछला देवी पत्नी नरेंद्र
खाना बनाते वक्त जलने के बाद महिला को जलेसर रोड के प्रेम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, लेकिन बीस दिन बाद उनकी सांसें थम गईं। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही ने मछला को नहीं, बल्कि उनके भरोसे को जलाकर राख कर दिया। पति बृजेश का कहना है,“डॉक्टर हर बार कहते थे—चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। लेकिन कुछ ठीक नहीं हुआ। हॉस्पिटल परिसर में परिजनों ने जमकर हंगामा किया।
बीस दिन, दो लाख, और एक जिंदगी का अंत!
इस कहानी में दर्द और धोखे का मेल है। मछला देवी को बीस दिन पहले आशा कार्यकर्ता की सलाह पर प्रेम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। 90% जलने के बाद भी डॉक्टरों ने बृजेश को तसल्ली दी कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन हर मुलाकात में सिर्फ बिल बढ़ता गया, और मछला की हालत बिगड़ती गई। आखिरकार, जब मछला की सांसें थमीं, तो डॉक्टरों ने पल्ला झाड़ते हुए कहा, “जयपुर ले जाओ!” परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा—दो लाख रुपये खर्च करने के बाद भी मछला को बचाने की कोई कोशिश नहीं? हॉस्पिटल के गेट पर हंगामा मचा, और परिजनों ने प्रशासन से सीधे सवाल किया: “किया प्रेम हॉस्पिटल मरीजों का इलाज करता है, या सिर्फ जेब काटता है?” ये सवाल अब फिरोजाबाद की सड़कों पर गूंज रहा है।
ये मामला अब सियासी रंग ले रहा है। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, और स्थानीय लोग इसे ‘लापरवाही का मॉडल’ बता रहे हैं। बृजेश का कहना है कि डॉक्टरों ने न तो समय पर सही इलाज दिया, न ही मछला को बड़े हॉस्पिटल रेफर करने की जल्दी दिखाई। हंगामे के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू किया, लेकिन सवाल वही है—क्या प्रेम हॉस्पिटल की लापरवाही की जांच होगी? फिरोजाबाद में पहले भी मेडिकल लापरवाही के मामले सुर्खियों में रहे हैं, अब मछला की मौत ने फिरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या योगी सरकार का बुलडोजर इस बार लापरवाह हॉस्पिटल्स पर चलेगा, या ये मामला भी फाइलों में दब जाएगा?
इंस्पेक्टर संजुल पांडे का कहना है कि परिजनों के द्वारा डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। आरोपों की जांच की जा रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।