ईस्ट इंडिया टाइम्स
ब्यूरो रिपोर्ट।


शाहजहांपुर/सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म फेसबुक आईडी के माध्यम से अमित सहाना नाम का युवक खबर शाजाहनपुर के नाम से फर्जी तरीके से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर खबरों का प्रसारण कर रहा है जो एक अपराध की श्रेणी में आता है जिसको सूचना प्रसारण विभाग भी अनुमति नहीं देता है इसकी अनुमति केवल उन्हीं को मिलती है जिनका आर एन आई नम्बर दिया जाता है जो एक अख़बार से संबंधित होता है।अमित सहाना नाम का व्यक्ति फोन के द्वारा किसी दूसरी व्यक्ति से बात कर रहा है जिसका ऑडियो उसने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। कथा कथित पत्रकार अमित सहाना जिससे बात कर रहा है वो किसी शबाना का ज़िक्र कर रहा है।जिसमें रुपए के लेनदेन की बात हो रही है।अमित सहाना शबाना कि जगह उस व्यक्ति से शाहाना बेग का नाम कहने को कह रहा है।जब की दूसरा व्यक्ति शाहाना बेग नहीं बल्कि शबाना कह रहा है।कथा कथित पत्रकार ने उस व्यक्ति का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है उसको वह हटाने के लिए कह रहा है कथा कथित पत्रकार उससे रुपए ना देने का ज़िक्र कर रहा है कथा कथित पत्रकार कह रहा है अगर हमें रुपए दिए होते तो हम आपकी वीडियो नहीं पोस्ट करते।शाहाना बेग एक ईमानदार साफ अच्छी छवि की पत्रकार है।कथा कथित पत्रकार ने शाहाना बेग पर अभद्र टिप्पणी करते हुए फेसबुक पर वायरल कर दिया है।जो एक अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह के कथा कथित पत्रकारों पर समय से पहले कार्यवाही नहीं की गई तो इस तरह के लोग ईमानदार पत्रकारों को बदनाम करते रहेंगे।ईस्ट इंडिया टाइम्स दैनिक समाचार पत्र इसकी निंदा कर्ता है।और कार्यवाही की माग कर्ता है।जब एक फर्जी पत्रकार ने अमर्यादित शब्दों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो उसको पढ़ कर एक साहिल साहिल नाम की फेसबुक आईडी से a अभद्र शब्द पोस्ट होने लगे इस तरह के लोग आम नागरिकों से डी
अवैध वसूली करने के लिए सोशल मीडिया पर इस तरह से पोस्ट करते है।इज्जत दार लोग अपनी छवि अको बचाने। के लिए इन कथा कथा कथित पत्रकारों का शिकार हो रहे हैं।अमित सहाना ने ईमानदार पत्रकार शाहाना बेग के परिवार के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाने लगा किसी की छवि खराब करना एक बड़ा अपराध माना जाता है।अयेसे लोगों पर कार्यवाही किए जाना ज़रूरी हो गया है।इस तरह के कथा कथित पत्रकारो में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को छवि खराब करने का अड्डा बना रखा है।किसी के मान सम्मान से खिलवाड़ करना भी अपराध की श्रेणी में आता है इस तरह के कथा कथित पत्रकारों के खिलाफ कारवाही नहीं की गई तो समाज में एक गंदा माहौल व्याप्त हो जाएगा।कोई भी फर्जी पत्रकार इसके माध्यम से किसी की भी छवि खराब करने का कार्य करता रहेगा।
इंटर नेट के इस युग में
सरकार नए कानूनो के माध्यम से इन पर सख्ती से पालन कराने के लिए प्रसार और प्रचार कर रही हो लेकिन जनपदों में इस तरह की घटनाएं आम बात हो गई है।सरकार ने इसके लिए साईबर अपराध नाम का कानून बना रखा है। सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करना साईबर अपराध माना जाता है। क्या इस पर पुलिस प्रशासन कार्यवाही कर्ता है या फिर इसको जांच नाम के शब्द लिख कर उसकी फ़ाइल को अंधे कुएं में फेक देगा ?