रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
राष्ट्रीय प्रगतिशील फोरम द्वारा शिक्षक दिवस पर कृष्णा प्रेस परिसर अशोक पुरम में आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि शिक्षक, शिक्षार्थी और शिक्षा आज तीनों दिशाहीनता के शिकार हैं। शिक्षा के मशीनीकरण से संस्कार, अनुशासन और राष्ट्र व समाज के प्रति जिम्मेदारी के भाव पर पानी फेर दिया है। तमाम तामझाम एवं सुविधाओं के बावजूद भी प्राथमिक शिक्षा दुर्दशा ग्रस्त है। आज के दिन संकल्पित होकर शिक्षक समाज गंभीरता से इस स्थिति पर विचार करे। गीतकार पवन बाथम ने कहा कि शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है। वर्तमान हालात को देखते हुए शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है ।प्रबुद्ध शिक्षक संकल्प लेकर समाज को सही दिशा दें और राष्ट्र को समुन्नत करने में योगदान दें। सरकार भी प्राथमिक विद्यालयों में पठन-पाठन का वातावरण बनाए और शिक्षक विहीन पाठशालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति करे। पूर्व प्रधानाचार्य अहिबरन सिंह गौर ने कहा कि सारी दुनिया हिंसा, उन्माद, अविश्वास और अनैतिकता की चपेट में है। पीड़ित मानवता अपने शिक्षकों की ओर देख रही है। आज मानवीय संवेदनाओं को जगाने का संकल्प दिवस है। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने कहा कि बच्चों को संस्कार देने के लिए शिक्षक तभी सफल होंगे जब अभिभावक जागरुक होकर इसमें सक्रिय सहयोग करेंगे। अलीगंज के पूर्व शिक्षक एवं कवि बृजनंदन पुजारी ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान करना जागरूक समाज का कर्तव्य है ,तभी आचरण की सभ्यता का वातावरण बनेगा
युवा कवि अनुपम मिश्रा एवं अनुराग तिवारी ने कहा कि समाज के निर्माण का आधार शिक्षा ही है और जिसमें शिक्षक क्रांतिकारी योगदान कर सकते हैं। छात्र यशवर्धन ने कहा कि गुरु ज्ञानी हो और छात्र योगी हो तभी अपेक्षित सुधार होंगे। गुरुजनों का स्नेह छात्रों के लिए अमृत तुल्य है, लेकिन लगता है की हर स्तर पर कोई न कोई गंभीर कमी है। इस अवसर पर अनुशासन और कुशल अध्यापन के लिए प्रसिद्ध रहे पूर्व प्रधानाचार्य अहिवरन सिंह गौर का अभिनंदन किया गया।