राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। जनपद में कन्नौज, छिबरामऊ और तिर्वा के बाद अब हंसेरन को भी जल्द ही तहसील मुख्यालय का दर्जा मिलने की संभावना है। अधिकारियों के निरीक्षण के बाद नई तहसील की स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस कदम का तिर्वा तहसील के अधिवक्ताओं ने कड़ा विरोध किया है। शनिवार को तिर्वा तहसील मुख्यालय पर बड़ी संख्या में वकील एकजुट होकर प्रदर्शन करते नजर आए। लायर्स और न्यू बार संगठन के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए नारेबाजी की और हंसेरन को नई तहसील बनाए जाने के फैसले पर आपत्ति जताई।
शुक्रवार को तिर्वा एसडीएम राजेश कुमार सिंह ने हंसेरन ब्लॉक परिसर स्थित सीएचसी के नवीन भवन का निरीक्षण किया था। यह भवन मूल रूप से 50 बेड के अस्पताल के लिए निर्मित हुआ था, लेकिन फिलहाल वहां ताला लटका हुआ है। माना जा रहा है कि यहीं पर नई तहसील का कार्यालय स्थापित किया जा सकता है। विभागीय स्तर पर इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। हसेरन को तहसील का दर्जा मिलने से आसपास के गांवों के हजारों लोगों को राहत मिलेगी। फिलहाल इन गांवों के लोग अपने राजस्व और न्यायिक कार्यों के लिए तिर्वा या छिबरामऊ तहसील तक का सफर तय करने को मजबूर हैं।
वहीं तिर्वा तहसील के वकील इस फैसले से नाराज हैं। उनका कहना है कि हंसेरन को तहसील बनाने से तिर्वा तहसील का क्षेत्रफल घट जाएगा, जिससे उनका कामकाज और आय प्रभावित होगी। अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि तहसील गठन के लिए तीन ब्लॉकों का होना जरूरी है, जो फिलहाल पूरा नहीं हो रहा है। वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि हंसेरन तहसील स्थापित की जाती है तो तिर्वा तहसील का क्षेत्रफल बढ़ाया जाए, अन्यथा वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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