रिपोर्ट एस पी कुशवाहा

देवरिया/मिशन शक्ति फेज 5.0 के अंतर्गत “ड्राइविंग माय ड्रीम्स (मेगा इवेंट)” का आयोजन जनपद देवरिया में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिवहन मंत्री श्री दया शंकर सिंह जी द्वारा की गयी। कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग की ओर से नीतू भारती (केंद्र प्रशासक), मीनू जायसवाल (मनोवैज्ञानिक), मंशा सिंह (जेंडर स्पेशलिस्ट) तथा जिला परिवहन अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी, प्रशिक्षक, बालिकाएँ एवं महिलाएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।
इस विशेष पहल के अंतर्गत जनपद प्रशासन द्वारा प्रशिक्षकों (यथासंभव महिला प्रशिक्षक) को चिन्हित किया गया है, जिनके माध्यम से वयस्क महिलाओं और बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कम से कम 01 माह की अवधि का ड्राइविंग प्रशिक्षण कोर्स प्रारम्भ कराया गया। आवश्यकता पड़ने पर प्रशिक्षण की अवधि को और बढ़ाया जाएगा।
इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जनपद को कम से कम 100 महिलाओं एवं बालिकाओं को प्रशिक्षित करते हुए उनके ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का लक्ष्य सौंपा गया है। विशेष रूप से दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और बालिकाओं का चयन सुनियोजित प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिकता पर किया जा रहा है, जिससे वे इस अवसर का अधिकतम लाभ उठा सकें।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि इस पहल से महिलाओं और बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा, उन्हें परिवहन एवं आवागमन हेतु पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे स्वयं अपनी जीवनशैली को सुरक्षित व स्वतंत्र बना सकेंगी। साथ ही इसमें भाग लेने वाली महिलाओं में नवीन जीवन कौशल का विकास होगा, जिससे वे आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा सकेंगी।
परिवहन मंत्री श्री दया शंकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “यह पहल महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने, समाज में समान अवसर उपलब्ध कराने और उनके भीतर आत्मविश्वास जगाने का एक बड़ा अभियान है। जब महिलाएँ स्वयं वाहन चलाने में सक्षम होंगी तो वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक गतिविधियों में और अधिक सक्रिय रूप से भागीदारी कर सकेंगी।
इस अवसर पर महिला कल्याण विभाग की टीम ने बताया कि मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत महिलाओं और बालिकाओं के बहुआयामी विकास हेतु विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं। “ड्राइविंग माय ड्रीम्स” कार्यक्रम न केवल उन्हें नई दिशा देगा बल्कि उनके जीवन में सुरक्षित, स्वतंत्र और प्रगतिशील भविष्य की राह खोलेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं और बालिकाओं ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि यह उनके जीवन को बदलने वाला अभियान साबित होगा।