रिपोर्ट सुदेश वर्मा

बागपत /बडौत/ बरनावा मे विगत 13 माह से प्रत्येक माह में रविवार को तपोभूमि पर मेले का आयोजन जैन समाज द्वारा किया जा रहा है। जिसमें शासन प्रशासन स्थानीय समाज का पूर्ण सहयोग हमें प्राप्त होता है।जैन धर्म के महान पर्व का आज माघ शुक्ल पंचमी के दिन से पर्युषण पर्व प्रारंभ होते हैं। दो पर्व एक साथ जोड़ने के साथ हम भुला नहीं सकते हैं, 28 जनवरी को दुखद घटना को अतः सर्वप्रथम उपस्थित जन समूह ने 9 बार नवकर महामंत्र को पढ़कर सभी बड़ौत निवासियों को जो काल से ग्रसित हो गए और जो दुख का अनुभव कर रहे हैं। उन सभी के प्रति श्रद्धांजलि अश्रुपूर्ण धाराओं के साथ समर्पित की गई। यद्यपि चंद्रप्रभु भगवान का महामस्तकाभिषेक संगीत और उत्साह के साथ संपन्न होता है, परंतु इस बार महामस्तकाभिषेक में श्रद्धांजलि और विन्याजलि भक्ती श्रध्दा के साथ समर्पित की गयी।मन को शांत रखते हुए हम यह समझने और समझाने की कोशिश करते हैं कि यमराज के अंदर करुणा भाव नहीं होती है।
यमस्या करुणा नास्ति
फिर भी एक दूसरे के पूरक बनकर समझने और समझाने की कोशिश की जाती है कि उनका जीवन उतना ही था संप्रति इलाहाबाद में कुंभ के शुभ प्रसंग पर भगदड़ का होना जहां जनहानि होना और अकासमाक अग्नि का प्रज्वलित होना है, यह सब घटनाएं उन लोगों के द्वारा हो जाती है जो नास्तिकता के कारण धार्मिक क्षेत्र पर नास्तिकता प्रदर्शित करते हैं। यह सब नास्तिकताओं के कारण देवगण अपने स्वभाव से विचलित होकर कुछ समय के लिए कुपित हो जाते हैं।जिसमें यह अशोभणीय दुखद घटना घट जाती है। समस्त जैन समाज स्थानीय बरनावा की समाज द्वारा आज महामस्तकाभिषेक हम महाकुंभ में दुखी दुबे लोगों के प्रति और बड़ौत में दुखी हुए जन मानवों के प्रति अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि नौ बार णमोकार मंत्र पढ़ने के साथ मौनपूर्वक समर्पित की गई।इस संदर्भ में स्थानीय पत्रकारों समूह उपस्थित रहा।प्रेस वार्ता के अनुसार उन्होंने भी अपनी श्रद्धांजलि सभी के प्रति समर्पित की। आज का महामस्तकाभिषेक भाई विक्की जैन यश जैन संयम जैन सपरिवार बरनावा वाले दिल्ली के द्वारा की गई। द्वितीय शांति धारा रचना जैन एमके जैन पंकज जैन पीयूष जैन फरीदाबाद, महारथी राशि चतुरसेन जैन शिमला जैन आमित जैन ज्योति जैन अरूण जैन दिल्ली

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