ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। बहसुईया में भगवान भोले नाथ के प्रांगण में चल रही नौ दिन की श्रीमद् भागवत कथा के बाल ब्यास दुर्गेश द्विवेदी द्वारा शनिवार को विधि विधान पूर्वक पूजन कर कथा को प्रारंभ किया। श्रीमद भागवत कथा के परीक्षित विनोद पाल सहित सैकड़ों की तादाद मे महिलाऐं ,पुरुष और बच्चो ने कथा का रस पान किया। दूसरे दिन की कथा में भक्तगण कर्मयोग भक्तियोग और वैराग्य के महत्व को समझते हैं। कथावाचक बाल ब्यास दुर्गेश द्विवेदी ने सती प्रसंग ध्रुव चरित्र और ऋषभ देव के चरित्र का वर्णन किया उन्होंने यह भी बताया कि मनुष्य को ऋषभ देव जी जैसा आदर्श पिता होना चाहिए, जो अपने पुत्रों को दिव्य तप करने के लिए प्रेरित करे। जीवन में अच्छे रास्ते पर जाना है तो संकल्प लेना जरूरी है हर बच्चे को अपने माता-पिता की बातों को मानना चाहिए और सबसे बड़ा भगवान माता-पिता ही होता है। जिनके ऊपर माता-पिता का आशीर्वाद है उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त है। साथ-साथ हर एक माता-पिता को चाहिए अपने साथ अपने बच्चों को भागवत कथा हो सत्संग हो कीर्तन हो अपने साथ जरूर लाना चाहिए और अपने जीवन को कृतार्थ करने के लिए भगवान के प्रति अन्य विश्वास रखना चाहिए ।इस मौके पर गांव और क्षेत्र के अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।