ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार/

कन्नौज। कई दिनों से चल रहीं तैयारियों के बाद आस्था के समागम की शुरूआत गुरुवार से हो गई। अगले सात दिनों तक वातावरण भक्तिरस से सराबोर रहेगा। नौ जनवरी तक चलने वाले धार्मिक आयोजन में श्रीमद् भागवत कथा के साथ रोजाना धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। पहले दिन मंदिर परिसर में देर रात तक संतों की टोलियां भी पहुंची रहीं। शुक्रवार से श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराया जाएगा।
सिद्धपीठ मां फूलमति मंदिर में गुरुवार को रामचरित मानस पाठ के साथ होने वाले धार्मिक आयोजन की शुरूआत की गई। शनिवार से शतचण्डी महायज्ञ का शुभारंभ होगा। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का रसपान मध्यप्रदेश के महामंडलेश्वर आत्मानंद गिरी महाराज अपनी मधुर वाणी से कराएंगे। पांच जनवरी को मंदिर परिसर से दंडी स्वामी और हाथी घोड़े के साथ विशाल शोभायात्रा भी निकलेंगी। मंदिर के पुजारी शिखर मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर एक बजे से श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ होगी। उन्होंने बताया कि संत सम्मेलन में नैमिष पीठाधीश्वर जगदाचार्य स्वामी उपेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज, शक्तिपीठ आगरा के स्वामी ब्रम्हानंद सरस्वती जी महाराज समेत कई शक्तिपीठ के संत उपस्थित रहेंगे। शतचण्डी महायज्ञ नैमिषारण्य के यज्ञाचार्य पंडित राधेश्याम मिश्र की देखरेख में चलेगा। उधर गुरुवार को पूरे दिन मंदिर परिसर में संतों की टोटियां पहुंचती रहीं। देर रात तक पूरा मंदिर परिसर संतों के रंग में रंग गया। कथा व्यास आत्मानंद गिरी महाराज इत्रनगरी पहुंचे तो भक्तों और संतों ने उनका फूलमालों से स्वागत कर माता रानी के जयकारे लगाए। जिसके चलते वातावरण भक्तिरस में डूब गया।

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