ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट फैयाज अहमद

देहरादून/उत्तराखंड/
यह जानकर हैरानी हो लेकिन आईएसबीटी चौकी पर आजकल एक भूमाफिया का राज चलता नज़र आ रहा है । भूमाफिया का तमगा और ठगी का आरोप लगने के बाद भी इस पर कोई कार्यवाही तो दूर की बात इसका आईएसबीटी चौकी पर बेख़ौफ़ आकर चौकी इंचार्ज के केबिन में बैठकर मामले देखना चर्चा का विषय बना हुआ है। ये वही भूमाफिया है जिसके विरुद्ध इसी थाना पटेलनगर में जमीन दिखाकर ठगी/फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें दर्ज है। लेकिन इसकी सांठ गांठ के सामने सभी जांचे फीकी नज़र आती है तो पुलिस कार्यवाही सिफर।

ताज़ा मामला एक पारिवारिक झगड़े से सम्बंधित है जिसमें इस भूमाफिया ने इसबात पुलिस चौकी के साथ सांठ गांठ कर अपनी बीवी को साथ भेजकर 2 बच्चों को उनके घर से ही बिना बताए गैर कानूनी तरीके से उठवा लिया। जब बच्चे के परिजनों को इसकी खबर लगी तो आनन फानन में इसकी खबर112 पर की गई। मामला आईएसबीटी पुलिस चौकी पहुँचा तो पहले से ही मौजूद भूमाफिया का आरोपी चौकी इंचार्ज के केबिन में बेख़ौफ़ बैठा नज़र आया और मित्र पुलिस उससे मित्रता निभाती नजर आयी। इस भूमाफिया की मित्र पुलिस से मित्रता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि चौकी इंचार्ज के सामने ही बच्चों के पिता को धमकियां देता नज़र आया । इसबात पुलिस भी इस भूमाफिया के सामने इतनी नतमस्तक दिखाई दी कि पिछले 7 माह से अपने बच्चों की देखभाल कर रहे पिता से बिना पुछे और बच्चों (उम्र क्रमशः 8 वर्ष, 6 वर्ष लगभग) से बिना जाने की वह किसके साथ जाना चाहते है अपना फैसला सुनाते हुए भूमाफिया द्वारा पैरवी किये जाने वाले पक्ष के साथ भेजना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। बच्चों के पिता द्वारा जब स्कूल पढ़ाई खराब होने की बात कही गयी तो पुलिस द्वारा 2-4 दिनों बाद पुनः बात करने की बात कहकर वापिस भेज दिया गया।
सवाल उठता है कि आखिर इस भूमाफिया पर आईएसबीटी पुलिस इतनी मेहरबान क्यो है? आखिर क्यों पुलिस इंचार्ज ने खुद को न्यायधीश मानकर अजीबोगरीब फैसला भूमाफिया पक्ष में कर दिया ? यदि चौकी इंचार्ज के इस फैसले से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? पुलिस की ऐसी कार्यशैली से आप खुद इस भूमाफिया के बुलंद हौसलों का अंदाजा लगा सकते है।

By hi

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