ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार

कन्नौज। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने उपजिलाधिकारी तिर्वा की सरकारी गाड़ी कुर्क करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योत्सना यादव ने उप जिलाधिकारी तिर्वा अशोक कुमार की सरकारी गाड़ी को कुर्क करने के आदेश को स्थगित कर दिया है। इसके लिये उन्होंने पांच फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया है। किशोरी से रेप के आरोप में जिला जेल में बंद पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव व उनके परिजनों के तिर्वा में स्थित होटल चंदन को सीजमुक्त कराने के आदेश की अवहेलना करने पर उप जिलाधिकारी तिर्वा की सरकारी गाड़ी को कुर्क करने का आदेश छह फरवरी को दिया था। यह आदेश पूर्व ब्लॉक प्रमुख के भाई सुदर्शन सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवायी करते हुये सिविल जज सीनियर डिवीजन का आया था। उन्होंने कुर्की वारंट जारी कर सात दिन के अंदर अनुपालन आख्या मांगी थी। इस आदेश के अगले दिन शुक्रवार को सीनियर डिवीजन सिविल जज ने अपना निर्णय वापस लिया जिसमें कहा है कि मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आदेश आया है जिस वजह से इसे वापस लिया गया।
इससे पहले उन्होंने यह हवाला दिया था कि हाईकोर्ट से कोई स्टे आर्डर उपलब्ध नहीं है। इसलिये उच्च न्यायालय में मात्र रिट दायर करना ही कार्यवाही स्थगित किये जाने का आधार नहीं है। प्रशासन न्यायालय के आदेश की जानबूझकर अवहेलना कर रहा है। न्यायाधीश ने दिये आदेश में कहा कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने 24 दिसंबर 2024 को दिये आदेश का अनुपालन न हो पाने की बात कहते हुये अतिरिक्त समय की याचना की है लेकिन उप जिलाधिकारी तिर्वा ने कोई भी आख्या प्रस्तुत नहीं की। न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि पुलिस व प्रशासन को केवल होटल को सीजमुक्त करने के लिये आदेशित किया गया है, जिसको भी वे मानना नहीं चाहते। न्यायाधीश का यह भी कहना है कि इससे स्पष्ट है कि न्यायालय के आदेश की जानबूझकर अवमानना की गयी है और आज तक दोनों आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया है। उधर, पुलिस व प्रशासन की ओर से उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी रिट पर पांच फरवरी को आदेश आ गया। जिसमें कुर्की के आदेश को यथाशीघ्र निर्णित करने के लिये आदेशित किया गया। जिसको प्रशासन की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में दाखिल किया गया। उच्च न्यायालय के आदेश का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश ने 6 फरवरी को उप जिलाधिकारी तिर्वा की सरकारी गाड़ी को कुर्क करने के आदेश को स्थगित कर दिया। साथ ही कुर्की वारंट भी वापस ले लिया। उच्च न्यायालय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन को वादीगण से अतिरिक्त साक्ष्य, शपथ पत्र 10 दिन की अवधि के भीतर लेकर 28 फरवरी को आदेश को निस्तारित करने के लिये भी निर्देशित किया है।

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