ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निबंधन की प्रक्रिया को पीपीपी मॉडल के तहत करने के आदेश के विरोध में गुरुवार को सदर तहसील में अधिवक्ताओं ने हड़ताल करते हुए विरोध जताया। उन्होंने कहा कि हड़ताल जब तक जारी रहेगी। जब तक इस प्रक्रिया को समाप्त नहीं कर दिया जाता।
सदर तहसील के अधिवक्ताओं ने गुरुवार को एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। अधिवक्ताओं का कहना है कि निबंधन कार्य को सरकार निजी हाथों में देने जा रही है। जिसके बाद अधिवक्ताओं के साथ ही बैनामा लेखक, टाइपिस्ट, फोटोग्राफर सहित ऐसे लोग जो निबंधन कार्य से जुड़कर पिछले कई वर्षो से परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। वह बेरोजगार हो जाएंगे। अधिवक्ताओं ने निबंधन कार्य का बहिष्कार करने के साथ ही नई प्रणाली का विरोध करते हुए नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर आवाज बुलंद करते हुए कहा कि नई प्रणाली को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। इससे अधिवक्ता, बैनामा लेखक, स्टांप वैंडर सभी बेरोजगार हो जाएंगे। प्रदेश सरकार ने 147 तहसीलों में पीपीपी मॉडल के तहत निबंधन कार्य शुरू कर दिया है। अधिवक्ताओं ने बताया कि इस निर्णय के तहत, निबंधन का कार्य एक निजी कंपनी को सौंपा जाएगा। जो ई-निबंधन मित्र तैनात करेगी। वही, इस कार्य को करेंगे। इस नई प्रक्रिया के लागू होने से अधिवक्ताओं के साथ उनसे जुड़े हुए लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह तब तक इसका विरोध करते रहेंगे। जब तक इसे समाप्त नहीं किया जाता। तब तक वह निबंधन कार्य भी नहीं करेंगे।