ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट डॉo एस ए जाफरी

फर्रुखाबाद/शहर के मोहल्ला पुलखाम में स्थिति दरगाह हजरत छोटे बड़े साहब का चार दिवसीय उर्स का समापन हुआ
250 वर्ष से अधिक पुरानी इस परम्परा
में श्रद्धालु की भारी भीड़ देखी गई qसुबह से देर रात तक
श्रद्धालुओं का आना जाना जारी रहा दरगाह पर चादर पोशी और गुलपोशी की रस्में
निभाई गई देर शाम महफ़िल
-ए-समा में कव्वालों ने नातिया कलाम पेश किए
बरेली, रामपुर, शमशाबाद और फर्रुखाबाद से आए कव्वालों ने हजरत छोटे बड़े साहब
की शान में कलाम पेश किए गए श्रोता कव्वाली की धुन पर झूम उठे शाम 6 बजे
कुल शरीफ के बाद शहर
काजी सैय्यद मुताहिर अली
ने फातिहा पढी इस दौरान
दैश की सलामती के लिए
दुआएं मांगी
कार्यक्रम में असलम कुरैशी,
शाकिर अली मंसूरी, फ़ज़ल मंसूरी, ताहिर खान, इसरार
सिद्दीक मंसूर, आरिफ कुरैशी,
इदरीस,जावेद और रशीद खान समेत कई गणमान्य
लोग मौजूद रहे रविवार को
को कुल शरीफ फातिहा के
साथ उर्स का समापन हुआ।