महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी मणीन्द्र नाथ बनर्जी का नाम किसी से मौताज़ नहीबदहाल शहीद मणीन्द्र नाथ बनर्जी स्मारक
ईस्ट इंडिया टाइम्स मनोज जौहरी
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फर्रुखाबा।
महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी मणीन्द्र नाथ बनर्जी का नाम किसी चर्चा का मोहताज नही रहा| 20 जून को केन्द्रीय कारागार में अनशन करते शहीद हुए मणीन्द्र नाथ बनर्जी को कारागार विभाग केबल साल में तीन बार ही औपचारिक रूप से याद करता है| लेकिन इसके बाद पूरी साल उनके स्मारक गंदगी का साम्राज्य बना रहता है| कारागार विभाग को इतनी फुर्सत नही कि वह कम से कम महीने में एक बार झाड़ू ही लगा दी जाये| बनर्जी स्मारक की गंदगी वर्तमान में चर्चा का विषय है|
दरसल अंग्रेज सरकार के खिलाफ केन्द्रीय कारागार में अनशन करते हुए युवा क्रांतिकारी मणीन्द्र नाथ बनर्जी 20 जून 1934 को शहीद हो गये थे| उनकी याद में शहीद स्मारक का निर्माण तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचपी यादव नें 15 जून 1985 को कराया था| स्मारक पर 20 जून उनके शहीद दिवस पर,15 अगस्त व 26 जनवरी को कार्यक्रम का आयोजन होता है| इसके बाद विभाग उन्हें भूल जाता है और भूल जाता है उनकी कुर्बानी! महीनों तक बनर्जी के स्मारक पर झाड़ू तक नही लगती| लिहाजा स्मारक पर गंदगी का सम्राज्य रहता है| स्वंत्रता संग्राम सेनानी वंशज बाबी दुबे नें बताया कि शहीद क्रांतिकारियों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया| सेन्ट्रल जेल के कारापाल नें बताया की स्मारक की साफ-सफाई करायी जायेगी|
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