भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में-धर्मेद्र बसेड़ा
ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ आमिर हुसैन
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उत्तराखंड
बाजपुर /उधमसिंह नगर: राजकीय कन्या इंटर कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वय सेवक छात्राओं को सहजयोग परिवार उत्तराखंड द्वारा सहजयोग ध्यान की जानकारी दी गई।जिला समन्वयक धर्मेंद्र बसेड़ा ने बताया कि ध्यान किया नहीं जा सकता हम ध्यान की स्थिति में चले जाते हैं।यह एक स्वत होने वाली प्रक्रिया है। व्यक्ति के विचार या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में।श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा बताएं सहजयोग ध्यान करने से हम स्वयं ही निर्विचार अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं और वर्तमान की स्थिति में आ जाते हैं।श्री माताजी निर्मला देवी ने 5 मई 1970 से गुजरात नारगोल से सहजयोग की शुरुआत की थी ,आज विश्व के 120 से ज्यादा देशों के लाखों लोग सहजयोग ध्यान का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।यह एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है जिसमें हम शरीर में उपस्थित तीनों नाड़ीयों इडा,पिंगला, सुषुम्ना व सात चक्रों में कुंडलिनी जागरण से संतुलन प्राप्त करते हैं।इस अवसर पर कार्य क्रम अधिकारी शशिबाला, स्वयं सेवक मौजुद थे।
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