लेखपाल पर रिश्वत मांगने का आरोप
ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
तहसील कायमगंज क्षेत्र के एक लेखपाल पर अंश निर्धारण के एवज में 15 हजार की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। मामले को लेकर कंपिल क्षेत्र के एक शिकायतकर्ता ने राजस्व परिषद,लखनऊ को पत्र भेजकर लेखपाल को निलंबित करने अथवा दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित करने की मांग की है।
कंपिल क्षेत्र के पुरौरी गांव निवासी शिकायतकर्ता विजय कुमार द्विवेदी के अनुसार, उनकी कृषि भूमि ग्राम आकरावाद, परगना कम्पिल, तहसील कायमगंज में स्थित है। इस भूमि उन्होंने क्रय की थी, जिसे बाद में अपने पुत्र राजन द्विवेदी को विक्रय कर दिया। लेकिन जब उन्होंने अपनी गाटा संख्या 430, 441 और 444 का अंश निर्धारण करवाने के लिए क्षेत्रीय लेखपाल से अनुरोध किया, तो लेखपाल ने जमीदारों के हस्ताक्षर लाने को कहा। शिकायतकर्ता का कहना है कि जमीदार अन्य जनपदों में निवास करते हैं और वह स्वयं दिव्यांग हैं, जिससे उनके हस्ताक्षर करवाना संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय लेखपाल लगातार उन्हें टालते रहे, जबकि अंश निर्धारण की पूरी जानकारी पहले से ही फतेहगढ़ रिकॉर्ड रूम में खतौनी में दर्ज है, जिसे लेखपाल को उपलब्ध भी करा दिया गया था।शिकायत में यह भी कहा गया है कि जब विजय कुमार द्विवेदी ने लेखपाल से पुनः अंश निर्धारण करवाने का अनुरोध किया, तो लेखपाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि जमीदार स्वयं नहीं आ सकते तो उनके आने-जाने का खर्चा 15 हजार दिया जाए, तभी अंश निर्धारण होगा।शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने पहले ही इस संबंध में तहसील दिवस के दौरान जिलाधिकारी से शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए थे कि जमीदारों के मोबाइल नंबर उपलब्ध करा दिए जाएं, ताकि फोन पर ही पुष्टि कर अंश निर्धारण किया जा सके। लेकिन, लेखपाल ने फोन पर बात करने के बावजूद टालमटोल करना जारी रखा। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्रीय लेखपाल का मुंशी खुद को लेखपाल बताकर जनता को गुमराह कर रहा है और लेखपाल को कानूनगो के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। शिकायत के साथ तीन गवाहों के शपथ पत्र भी संलग्न किए गए हैं, जिन्होंने लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की घटना की पुष्टि की है। इन शपथ पत्रों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि लेखपाल ने अंश निर्धारण के बदले पैसे की मांग की थी।
शिकायतकर्ता विजय कुमार द्विवेदी ने राजस्व परिषद सचिव से मांग की है कि लेखपाल को तत्काल निलंबित किया जाए या फिर किसी अन्य क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही, पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
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