रिपोर्ट विरेंद्र तोमर /

बागपत/ जिले में संचालित 102 एम्बुलेंस सेवा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। खेकड़ा क्षेत्र की रहने वाली 26 वर्षीय महिला रिजवाना को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन तत्काल उसे सरकारी 102 एम्बुलेंस से अस्पताल लेकर जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी पीड़ा तेज हो गई। स्थिति को देखते हुए एम्बुलेंस के ईएमटी भूपेंद्र कुमार ने अपनी पूरी सूझबूझ और अनुभव का परिचय देते हुए एम्बुलेंस को ही प्रसव कक्ष बना दिया। पायलट राहुल कुमार ने एम्बुलेंस को सुरक्षित रूप से सड़क किनारे खड़ा किया और हर संभव सहयोग दिया। कुछ ही देर में रिजवाना ने एम्बुलेंस में ही एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इसके बाद प्रसव पीड़ा जारी रहने पर थोड़ी ही देर में दूसरा बच्चा भी जन्मा। इस दौरान कठिनाई तब आई जब दूसरे नवजात शिशु का गला गर्भनाल में फंस गया। लेकिन ईएमटी भूपेंद्र कुमार ने घबराए बिना स्थिति को संभाला और बच्चे को सुरक्षित जन्म दिलाया। जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद एम्बुलेंस कर्मियों ने तुरंत मां और शिशुओं की प्राथमिक जांच की। राहत की बात यह रही कि जच्चा-बच्चा तीनों पूरी तरह स्वस्थ पाए गए। अस्पताल पहुंचने पर परिजनों ने सरकारी एम्बुलेंस सेवा और उसके कर्मचारियों की सराहना की। परिजनों ने कहा कि “अगर समय पर एम्बुलेंस और उसकी टीम मदद न करती, तो हालात बिगड़ सकते थे। हमारे लिए यह सेवा किसी वरदान से कम नहीं है।” गौरतलब है कि प्रदेश में संचालित 102 एम्बुलेंस सेवा का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से कई जिंदगियां बचाई

By jamal

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