रिपोर्टर संजीव सक्सेना

फर्रूखाबाद/
जनपद में स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच के मीडिया प्रभारी संजीव सक्सेना ने बताया की सन 1965 तक देश के विभिन्न राज्यों में जमीन के दस्तावेज कैथी लिपि में ही लिखे जाते थे यहां तक की शेरशाह सूरी के समय काल में जो भी राजकीय मुद्राएं प्रचलन में थी उसमें से एक भाषा कैथी लिपि भी थी । कैथी भाषा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह धीरे-धीरे भारतवर्ष से विलुप्त होती चली जा रही है । इसके संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है राष्ट्रीय कायस्थ एकता मंच मंच ने इस दिशा में एक पहल आरंभ किया है । आगामी शनिवार से जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन कैथी लिपि को बचाओ और संरक्षित करो । यह अभियान पूरे भारतवर्ष में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आनलाइन चलाया जाएगा । उन्होंने अधिक से अधिक जन सामान्य से इस सामाजिक कार्य में योगदान देकर कैथी लिपि को प्रचार और प्रसार करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा सहभागिता दर्ज करने का अनुरोध भी किया है। जूम एप का लिंक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से दे दिया जाएगा। यह भी बताया गया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आचार्य ध्रुव कुमार जी के द्वारा दिया जाएगा। जिनकी कैथी लिपि पर लिखी गयी पुस्तकें अमेज़न स्टोर पर उपलब्ध हैं।

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