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एनटीपीसी के विस्थापित पुनर्वास गांव में जानलेवा बने जर्जर विद्युत तार सक्षम अधिकारी मौन।

दैनिक ईस्ट इंडिया टाइम्स मनोज कुमार सोनी ब्यूरो रिपोर्ट।

सोनभद्र,शक्तिनगर एनटीपीसी सिंगरौली परियोजना के विस्थापित पुनर्वास गांव चिल्काडाँड़ के चिल्काडाँड निमियाडाँड दियापहरी रानीबारी में जर्जर विद्युत तारों के टूटने से एनटीपीसी परियोजना महाप्रबंधक अधिकारियों को किसी बड़ी अनहोनी की इंतजार कर रहे है। बार-बार तार टूटने से विद्युत आपूर्ति बाधित हमेशा रहती है। इसकी शिकायत चिल्काडाँड ग्राम प्रधान हीरालाल ने संबंधित एनटीपीसी सिंगरौली परियोजना के अधिकारियों से कई बार लिखित पत्र देकर शिकायत बार-बार अवगत कराने के बाद भी एनटीपीसी महाप्रबंधक को कोई फर्क नहीं पड़ता परियोजना प्रबंधक को बड़ी अनहोनी का इंतजार है।एनटीपीसी सिंगरौली परियोजना पुनर्वास विस्थापित गांव चिल्काडाँड के निमियाडाँड में स्थित ट्रांसफार्मर से लेकर पूरे गांव का विद्युत तार 40 वर्ष पूर्व लगाए गए थे जो अब तक पूरी तरह से जर्जर एवं पुराना हो चुका है।इसमें सैकड़ो जोड़ लगे हुए हैं। तार के टूटकर गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। सड़क पर आते जाते राहगीरों की नजर जर्जर विद्युत तारों पर टिकी रहती है कि कहीं यह विद्युत तार टूट कर उनपर न गिर जाए। एनटीपीसी सिंगरौली महाप्रबंधक विस्थापित गांव की समस्याओं को गंभीरता से अगर नहीं लेते हैं तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो जाएगी। विस्थापित गांव के नाराज व्यक्ति गांव के हदयानंद साहनी ,गंगा राम,पप्पू गुप्ता राजेंद्र प्रजापति, सब्बीर ,पृथ्वी गौतम, मोहन कुमार, मुकेश भारती,सूरज कुमार, आकाश कुमार, ने प्रबंधन से गुहार लगाई है कि समय रहते किसी बड़ी दुर्घटना होने से पहले तार व ट्रांसफार्मर का काम कर दिया जाए अन्यथा मजबूरन ग्रामीण धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे जिसकी जवाब देही एनटीपीसी प्रबंधन की होगी। इस संबंध में ग्राम प्रधान से बात करने पर उन्होंने कहा कि तार व ट्रांसफार्मर के संबंध में परियोजना को कई बार अवगत करा दिया गया है परंतु परियोजना के लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हुए दिख रहे हैं।अगर कोई घटना घटती है इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी एनटीपीसी प्रबंधन की होगी क्योंकि यह गांव एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा बसाया गया है और यहां जो भी मूलभूत सुविधाएं हैं उनको उपलब्ध कराने का काम एनटीपीसी परियोजना की रहती है।

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