ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

ठठिया (कन्नौज)। काली माता मंदिर रिक्खापुर्वा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का विश्व शांति एवं सर्वकल्याण की कामना से समापन हुआ। कथा के समापन पर हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस दौरान श्रीधाम वृन्दावन मथुरा से आए सरस कथा वाचक पंडित विशाल मिश्रा ने व्यासपीठ से कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करते हैं। बाल व्यास पंडित विशाल मिश्रा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा के समापन पर यजमान नीलेश तिवारी और उनकी पत्नी श्रीमती किरन तिवारी, शैलेन्द्र तिवारी, रोहित तिवारी, जितेन्द्र तिवारी, गौरव त्रिवेदी, रिशू बाजपेई, कन्हैया पाठक, अनुज त्रिवेदी, सुंदरम मिश्रा, अन्नू दीक्षित, नीतेश तिवारी, रामशंकर त्रिवेदी, राहुल तिवारी सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने व्यासपीठ पर आरती की। कथा समापन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें दूर-दूर गांव के लोगों ने भण्डारा का प्रसाद ग्रहण किया।

By jamal

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