ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरोचीफ ताहिर कुरैशी

मथुरा। ब्रज के किसी भी मंदिर को सरकार अधिग्रहण नहीं करने जा रही है। श्रीबाँके बिहारी मंदिर को लेकर भी ऐसा कोई इरादा सरकार का नहीं है। ब्रज के 197 मंदिरों का अधिग्रहण किए जाने की सूचना पूरी तरह से भ्रामक है। यह कहना उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह का है।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय में मीडिया से रूबरू होते हुए सीईओ ने कहा कि पिछले कुछ समय से सोशल साईट पर यह अफवाह तेजी से फैलाई जा रही है कि बिहारीजी के बाद ब्रज के 197 मंदिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जाना है। इस पर स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन का ऐसा कोई इरादा नहीं है। सरकार किसी भी मंदिर का अधिग्रहण नहीं करेगी। श्री बाँके बिहारीजी मंदिर का भी कोई अधिग्रहण नहीं होने जा रहा है। बिहारीजी कोरिडोर का निर्माण माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिपालन में किया जा रहा है। उपरोक्त वाद में जिला न्यायाधीश ने न्यायालय को अवगत कराया था कि ब्रज के 197 मंदिरों में विभिन्न विवादों के चलते रिसीवर की तैनाती है। इसमें बलदेव, मथुरा, गोवर्धन, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, मांट आदि स्थलों के मंदिर शामिल हैँ, इस पर उच्चतम न्यायालय ने ऐसे सभी अधिवक्ता रिसीवरों को हटाने के आदेश दिए थे। इसमें मंदिरों के अधिग्रहण का कोई आदेश नहीं है।
सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि वृंदावन सप्त देवालय सर्किट बनाया जा रहा है। इस पर 18 करोड़ खर्च होंगे। इसमें सप्त देवायलों से जुड़े मार्ग का सौंदर्यीकरण, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, लाइटिंग, बैठने की सुविधा तथा मंदिरों के दिशा सूचक बोर्ड लगाए जाएंगे। इस कार्य पर भी अफवाह फैलाई जा कि सप्तदेवालयों का अधिग्रहण किया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। सरकार की इच्छा है कोरिडोर के माध्यम से श्रीबाँके बिहारी जी के दर्शन के बाद श्रद्धालुजन सप्तदेवालय भी दर्शन को पहुंचे। लेकिन इसे लेकर भी बेवजह भ्रान्तियां पैदा की जा रही हैँ ।