प्रशासन ने भास्कर मिश्रा सहित कई कार्यकर्ताओं को भेजा सलाखों के पीछे।

दैनिक ईस्ट इंडिया टाइम्स मनोज कुमार सोनी ब्यूरो रिपोर्ट सिंगरौली।

सिंगरौली,जिले में आए दिन हो रहे मौत को तांडव से बैढन थाना क्षेत्र अंतर्गत खुटार-परसोना मुख्य मार्ग पर दिनांक 13 जुलाई को एक बड़ा जनआंदोलन देखने को मिला,जब सामाजिक कार्यकर्ता कांग्रेस के युवा नेता भास्कर मिश्रा ने सड़क पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ स्वयं मोर्चा संभालते हुए सड़क जाम कर दिया। जब की बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी मौके पर मौजूद रहे भास्कर मिश्रा ने बताया कि खुटार-परसोना मार्ग से प्रतिदिन भारी वाहन जैसे हाइवा, डंपर, ट्रक आदि बेलगाम तेज रफ्तार दौड़ते हैं। इसी वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिससे कई मां के कोख उजड़ गए कई पत्नी विधवा हो गई कई पुत्र बेसहारा हो गए केवल इन बड़ी-बड़ी कंपनियों के तेज रफ्तार के वजह से। जिनमें अब तक सैकड़ो निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा।मिश्रा ने आरोप लगाया कि वह इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। लिखित आवेदन दिए,अधिकारियों से मिले, ज्ञापन सौंपा – लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला “प्रशासन ने कुछ आदेश तो जारी किए, लेकिन धरातल पर कोई अमल नहीं हुआ,” उन्होंने कहा जब शासन-प्रशासन ने बार-बार की गुहार के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया,तो उन्होंने खुद सड़क पर उतरने का निर्णय लिया और भारी वाहनों को रास्ते में रोक दिया।
प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया
सड़क जाम की खबर मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास किया, लेकिन जब समर्थक पीछे नहीं हटे तो भास्कर मिश्रा समेत उनके कई सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें पचोर पुलिस लाईन ले जाया गया और बाद में न्यायालय में पेश किया गया।
जैसे ही भास्कर मिश्रा को कोर्ट ले जाया गया, उनके समर्थन में सैकड़ों की संख्या में लोग न्यायालय परिसर के बाहर इकट्ठा हो गए। लोगों ने मिश्रा की रिहाई की मांग करते हुए नारेबाजी की और कहा कि “जनहित के मुद्दे उठाने वालों को जेल भेजना अन्याय है।स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर काफी रोष है। सोशल मीडिया पर भी भास्कर मिश्रा को व्यापक समर्थन मिल रहा है। लोग कह रहे हैं कि,एक ओर जहां जनता की सुरक्षा के लिए शासन-प्रशासन को खुद आगे आना चाहिए, वहीं यहां आवाज उठाने वालों को जेल भेजा जा रहा है।”

सवालों के घेरे में है प्रशासन…

अब यह पूरा मामला प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। क्या सड़क पर होने वाली मौतें यूं ही चलती रहेंगी? क्या नियम केवल कागजों तक ही सीमित रहेंगे? और जो लोग जनता की आवाज बनते हैं, उन्हें कुचलना ही शासन का तरीका रह गया है? भास्कर मिश्रा की गिरफ्तारी ने सिंगरौली की जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है क्या एक आम आदमी को अपनी सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरना ही पड़ेगा?
इन सभी मामलों को लेकर सीएसपी पुन्नू परस्ते ने कहा की नियम कानून के विरुद्ध रोड़ को जाम कर रहे थे जिसे आवा गमन में फसे स्कूल वाहन भी फंसे थे। लेकिन मजे कि बात यह है कि क्या रविवार के दिन भी विद्यालय खुले रहते हैं बंद।शासन प्रशासन के तानाशाह रवैया से आमजन में आक्रोश का माहौल।

By jamal

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