रिपोर्ट मुजीब खान/ शाहजहांपुर

आज हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में मेरा युवा भारत शाहजहांपुर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार एवं मानवता वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में मलिन बस्ती बूचड़ी कैंट क्षेत्र में एक प्रेरणादायक संगोष्ठी एवं निबंध प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्त्व के साथ-साथ युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला युवा अधिकारी मयंक भदौरिया, केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक अनुराग पांडेय, जिला परियोजना अधिकारी विनय सक्सेना, वरिष्ठ समाजसेवी मुकेश सिंह परिहार, एवं स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ रूपक श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जिला युवा अधिकारी मयंक भदौरिया ने उपस्थित सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी सिर्फ भाषा ही नही बल्कि हमारी संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है व उन्होंने विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए युवाओं से क्विज प्रतियोगिता में अधिकतम सहभागिता हेतु आग्रह किया। शिक्षक अनुराग पांडेय ने मातृभाषा व राजभाषा हिंदी से जुड़ी कई रचनात्मक कहानियों से युवाओं को प्रेरित किया और सदैव अपनी मातृभाषा को सम्मान देने की बात कही। समाजसेवी मुकेश सिंह परिहार ने कहा कि राजभाषा हिंदी हमारी अस्मिता, संस्कृति व सम्मान का परिचायक है, डॉ रूपक श्रीवास्तव ने भी हिंदी भाषा को अपनी माँ के समान सम्मान देने का आव्हान किया, डी पी ओ डॉ विनय सक्सेना ने कहा कि हिंदी भाषा नही जीवन का आधार है, कला है, संस्कृति है, हिन्द का विचार है। कार्यक्रम के तहत “विकसित भारत 2047″ विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं राष्ट्रभक्ति से प्रेरित नारा लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों की रचनात्मकता और विचारों की अभिव्यक्ति को ध्यान में रखते हुए विजेताओं को मेडल, प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर मानवता वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अमित श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, सहयोगियों एवं कार्यकर्ताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया। साथ ही जिला गंगा समिति का भी सहयोग उल्लेखनीय रहा, जिससे आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका। कार्यक्रम में विशेष रूप से नीरा श्रीवास्तव, मो. शादान, आराधिका पांडे, दिव्यांशी मिश्रा, प्रज्ञा कश्यप, आकांक्षा मिश्रा आदि का सहयोग था।