रिपोर्ट सुदेश वर्मा

बागपत/ बडौत/ बिनौली कस्बे के प्राचीन शिव मंदिर स्थित रामलीला मैदान में शुक्रवार की रात श्री प्रेम मंडल रामलीला कमेटी के तत्वावधान में चल रही रामलीला का भव्य समापन हुआ। निदेशक प्रवीण ऊर्फ पप्पन गुप्ता के कुशल निर्देशन में मंचित इस रामलीला के दौरान दर्शकों ने धार्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत झांकियों और दृश्यों का आनंद लिया।
कार्यक्रम में कलाकारों ने रावण वध के बाद विभीषण के राजतिलक का जीवंत मंचन किया। इसके पश्चात भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण एवं हनुमान सहित 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के दृश्य प्रस्तुत किए गए। रामलीला में दिखाया गया कि भगवान श्रीराम ने पहले हनुमान जी को अयोध्या भेजा ताकि वे भरत को उनके आगमन का शुभ समाचार दें। जब हनुमान जी ने भरत को यह सूचना दी, तो समूची अयोध्या आनंद से झूम उठी। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के अयोध्या पहुंचने पर भरत ने उनका भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात पंडित सत्यनारायण ने विधि-विधान से श्रीराम का राज्याभिषेक संपन्न कराया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतप्रकाश वर्मा (वर्मा ज्वैलर्स) ने भी श्रीराम का राज्याभिषेक किया और उनके चरणों में पुष्प अर्पित किए। रामलीला के दौरान राधा-कृष्ण, मोरपंख, शिव-दुर्गा, महिषासुर वध तथा हास्य से भरपूर झांकियों ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। मंचन के दौरान “जय श्रीराम” के जयघोष से पूरा मैदान गूंज उठा।
रामलीला के सफल संचालन में कमेटी अध्यक्ष गुलबीर धामा, संयोजक विनय धामा, रवि भाटिया, सोनू भाटिया, जितेंद्र दहिया, अज्जू शर्मा, रोहित शर्मा, संजीव जांगड़ा, राजू, राहुल कश्यप सहित कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित रहे। अंत में रामलीला कमेटी की ओर से सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कमेटी अध्यक्ष गुलबीर धामा ने कहा, “रामलीला का उद्देश्य समाज में धर्म, सत्य और मर्यादा के संदेश को फैलाना है। इस परंपरा को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है।” रामलीला के समापन पर आतिशबाजी और भक्ति गीतों के बीच श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम का उद्घोष किया।