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बाल विवाह एवं बाल श्रम के विरुद्ध चलाया गया अभियान, जनपद वासियों से की अभियान में शामिल होने की अपील

ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

फिरोजाबाद । जगदीश प्रसाद प्रधान वजीरपुर जहलपुर की अध्यक्षता में सर्व समाज के प्रबुद्ध जनों और धर्म गुरुओं के साथ नव भारतीय नारी विकास समिति ने कैला देवी मंदिर बगीची में बाल विवाह एवं बाल श्रम के विरुद्ध जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन मुख्तार आलम ने किया।
संस्था द्वारा बालहित में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए लोकायुक्त मथुरा एवं पूर्व सदस्य बाल कल्याण समिति डॉ. उग्रसेन पाण्डे ने कहा कि, संस्था द्वारा समय-समय पर इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। हमारे देश में बड़ी संख्या में बाल श्रम और बाल विवाह हो रहे हैं जिससे, बच्चों का जीवन बर्बाद हो जाता है। इसलिए, बालहित को सर्वोपरि रखते हुए आज हमें, सभी धर्मों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। बच्चों के हित में चलाए जा रहे इस अभियान से समस्त धर्मों के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जुड़ना चाहिए। जब तक इस अभियान में समाज का प्रत्येक वर्ग नहीं जुड़ेगा हम सामाजिक बुराइयों को समाप्त नहीं कर सकते हैं।
समाज में फैली इस बुराई को समाप्त करने के लिए संस्थाओं को सहयोग देने की अपील करते हुए नगर निगम के पूर्व पार्षद एवं ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन हरिओम वर्मा ने कहा कि, बाल विवाह और बाल श्रम हमारे देश के लिए अभिशाप है। इसे मिटाना सिर्फ, सरकार की ही नहीं बल्कि, प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।
धर्म प्रचारक श्रीमती शांति देवी ने कहा कि, आज भी ग्रामीण अंचलों में बाल विवाह हो रहे हैं। हमें मिलकर बाल विवाह का विरोध करना चाहिए। बच्चों से मजदूरी कराना मानवता के विरुद्ध है। कोई भी धर्म नहीं सिखाता कि हम नाबालिक बच्चों से अधिक श्रम वाले कार्य कराएं अथवा उनका विवाह करें।
श्रीमती रहनुमा बीएमसी यूनिसेफ ने कहा अशिक्षा बहुत बड़ा कारण है जो पढ़ गया है वह मुख्य धारा से जुड़ गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ जफर आलम ने कहा कि, आज समाज में परिवर्तन आ रहा है लेकिन, आज भी कुछ ऐसी भ्रांतियां हैं कि, लोग बदलना नहीं चाहते। बाल श्रम एक अभिशाप है और इसी तरह से बाल विवाह बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। जिसे, रोकना हम सब का दायित्व है।
हाफिज दिलशाद ने कहा कि, कोई भी धर्म ऐसा नहीं है जो, बच्चों से बाल श्रम या उनके बाल विवाह कराने की अनुमति देता हो।

जिस देश का जो कानून है वहां उसी के अनुसार विवाह होने चाहिए हमारे देश में 18 साल से अधिक उम्र होने पर विवाह की अनुमति दी गई है और बाल श्रम को अपराध माना गया है। तो, धार्मिक नजरिए से भी जो गुनाह हम कर रहे हैं। उसे रोकने के लिए हम सभी को मिलकर रोकना चाहिए। हम जाने अंजाने में बच्चों का जीवन बर्बाद कर रहे हैं।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रतिभागी एवं वक्ता कु.नेहा पंचायत सहायका, बीनू शर्मा, रामदास मानव,जगजीवन राम निगम, बृजमोहन सविता मिथिलेश आरती समूह सखी,ज्ञान सिंह, मुकुल पार्षद, कल्पना उपाध्याय,पंडित डी के शर्मा, संगीता,सुरेश चंद सोनी, मोहम्मद परवेज, समरीन खान, मंजू शर्मा, व अन्य उपस्थित रहे।

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