रामलीला मैदान में चल रही भागवत में वहीं भक्ति की वयार
मनुष्य को ध्रुव और प्रहलाद की तरह भगवान की सेवा करनी चाहिएः कथाव्यास ।
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रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल।
फिरोजाबाद। अखिल भारतीय सोहम महामंडल के तत्त्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ एवं संत सम्मेलन में कथा वाचक ने सती चरित्र, भक्त प्रहलाद और वामन अवतार की कथा सुनाकर भक्तजनों को भाव विभोर कर दिया। कथा पांडाल में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।
रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास रामगोपाल शास्त्री ने कहा कि भगवान की भक्ति में स्वार्थ नही होना चाहिए। भक्ति में भाव और एकाग्रता होना आवश्वयक है। भक्त को धु्रव और प्रहलाद की तरह भगवान की सेवा करनी चाहिए। भक्ति के बल पर ही दोनों भक्तों ने अपने बाल काल में ही प्रभु की सेवा से ही भगवान की प्राप्ति की थी। संत सम्मेलन में सोहम् पीठाधीश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि जगत में गुरु ही भव बंधन से छुटकारा दिलाने वाला है। उसके बिना कल्याण करने वाला कोई नहीं हैं। गुरु को महिमा अपार है। वह अपने शिष्य को तपाकर शुद्ध कर देता है। धु्रव, प्रहलाद, अर्जुन, जनक, नचिकेता, परीक्षित आदि ने गुरु की कृपा से ही सद्गति प्राप्त की तुलसी सूर, कबीर मीरा आदि आधुनिक अनेकों भक्तों ने गुरु भी के सहारे से ही मुक्ति पाई थी।
स्वामी शुकदेवानंद ने कहा कि गुरु अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है, स्वामी रामशरणदास ने कहा कि गुरु विना जान असंभव है, स्वामी परमानंद ने कहा कि गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामन होकर व्यक्ति में साधकत्व की उत्पत्ति, साधना की रक्षा और अज्ञानावरण का नाश करता है। स्वामी प्रणवानंद ने कहा कि गुरु का दर्ज भगवान से भी बढ़कर है।स्वामी नारायणानंद ने मंच का संचालन किया। इसके अतिरिक्त अन्य संतों में स्वामी हरि शरणानंद, स्वामी सदानंद, स्वामी सच्चिदानंद आदि ने भी अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं आनंदित किया। सत्संग में चंद्रप्रकाश शर्मा, कृष्णकांत गुप्ता, सर्वेश दीक्षित, नितिन शर्मा, उमेश अग्रवाल, द्विजेंद्र मोहन शर्मा, प्रवीण अग्रवाल, अश्वनी मोहन शर्मा, सम्मन सिंह, मनोज यादव, उमाकांत पचौरी विकास लहरी, शिवनारायण यादव, संजय अग्रवाल जगदीश यादव आदि ने संतों का सम्मान करके भगवान की आरती की।
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