कोतवाली के सीने के सामने से नो एंट्री के बीच खनन के भरे ओवरलोड वाहन एवं मिट्टी से भरे डंपर यमदूत बनकर तोड़ रहे।क्या डीएम. एसएसपी खनन और मिट्टी के ओवरलोड वाहनों पर कब लेंगे संज्ञान और कब होगी कार्यवाही।
ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन
उत्तराखंड
बाजपुर/ उधमसिंह नगर: शहर में नो एंट्री में खनन के ओवरलोड वाहन कोतवाली के सीने के सामने से लगातार दौड़ते जा रहे हैं।क्या एसएसपी मणिकांत मिश्रा डीएम नितिन भदोरिया खनन के ओवरलोड वाहनों पर संज्ञान लेंगे। खनन के ओवरलोड वाहनों को स्थानीय प्रशासन रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।इसका अंदाजा आप खुद ही लगा लीजिए क्या कारण हैं ओवरलोड वाहनों को स्थानीय पुलिस क्यों नहीं रोकती जबकि अन्य सामग्री खाद्य पदार्थों के वाहनों को शहर में गुजरने नहीं दिया जा रहा।नो एंट्री के नाम पर पुलिस द्वारा बड़ा खेल खेला जा रहा है।दोराहा नैनीताल रोड पर दो होमगार्ड को नो एंट्री का बोर्ड लगाकर बिठा दिया गया है। वही कैशोवाला मोड़ पर नो एंट्री का बोर्ड लगाकर दो होमगार्ड को बिठा दिया गया है।खनन के ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाने के लिए पूर्व तेज तर्रार कप्तान सदानंद दाते से कह कर शहर में ओवरलोड खनन के वाहनों एवं मिट्टी के वाहनों पर सुबह के 6:00 बजे से रात्रि के 9:00 बजे तक नो एंट्री लगाई गई थी। लेकिन यहां पर उल्टा ही हो रहा है। यहां खनन के वाहन एवं मिट्टी से भरे डंपर सरेआम पुलिस के सीने के सामने से गुजर रहे हैं लेकिन उनको आज तक नहीं रोक गया खानापूर्ति के लिए एक दो डंपर के चालान काटे गये।स्थानीय पुलिस द्वारा ट्रांसपोर्टर के खाद्य पदार्थों के वाहनों एवं स्थानीय ट्रांसपोर्ट के ट्रैको को रोक दिया गया और उनका रूट बदल दिया गया।लेकिन खनन के ओवरलोड वाहन एवं मिट्टी से भरे ओवरलोड डंपरों को नहीं रोका जाता।सरेआम खनन से भरे ओवरलोड वाहन एवं मिट्टी से भरे डंपरो द्वारा नो एंट्री की धजिया उड़ाई जा रही है स्थानीय प्रशासन कार्रवाई करने की जगह तमाशा देख रहा है।स्थानीय प्रशासन सरकार की छवि को धूल करने का प्रयास कर रहा है यमदूत बनकर शहर में नो एंट्री के बीच ओवरलोड वाहन तोड़ रहे हैं। एक साल से लगातार वेरिया रोड पर खनन ओवरलोड एवं मिट्टी के भरे डंपर लगातार दौड़ रहे हैं। वही केशोवाला से होते हुए रामराज रोड से दोराहा होते हुए बरेली, मुरादाबाद,नोएडा,संभल, गाजियाबाद आदि क्षेत्रों में सामग्री लेकर जा रहे हैं।स्थानीय पुलिस द्वारा नो एंट्री ओवरलोड के नाम पर अन्य वाहनों के चालान काटकर उनको परेशान किया जाता है।
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