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युवाओं के लिए आदर्श एवं प्रेरणास्रोत हैं स्वामी विवेकानंद- अश्वनी जैन

रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

सिरसागंज:- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जिला विज्ञान क्लब,फिरोजाबाद के तत्वाधान में जिला विज्ञान क्लब के कार्यालय पर जिला समन्वयक अश्वनी कुमार जैन एवं विद्यार्थियों ने युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती के अवसर पर उन्हें माल्यार्पण करके नमन किया।
जिला समन्वयक अश्वनी कुमार जैन ने विद्यार्थियों को उनके विषय में बताया कि स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी सन 1863 को कलकत्ता में विश्वनाथ दत्त के परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से उनके मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे होते गए। वे दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य सहित विषयों के एक उत्साही पाठक थे। सन 1880 में नरेंद्र, ईसाई से हिन्दू धर्म में रामकृष्ण के प्रभाव से परिवर्तित केशवचंद्र सेन की नव विधान में शामिल हुए। 25 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गेरुआ वस्त्र धारण कर लिए थे। तत्पश्चात उन्होंने पैदल ही सम्पूर्ण भारतवर्ष की यात्रा की। स्वामी विवेकानन्द ने 31 मई 1893 को अपनी यात्रा प्रारंभ की और जापान, चीन और कनाडा होते हुए अमेरिका के शिकागो पहुँचे। स्वामी विवेकानन्द उसमें भारत के प्रतिनिधि के रूप में पहुँचे।वहाँ के उनके द्वारा प्रदत्त व्याख्यान से अमेरिका की मीडिया ने उन्हें साइक्लोनिक हिन्दू का नाम दिया। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण परमहंस मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना कार्य कर रही है। भारत में विवेकानन्द जी को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में माना जाता है और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात एवं प्रभावशाली गुरु हैं। वे युवाओं के लिए आदर्श एवं प्रेरणास्रोत हैं। 04 जुलाई सन 1902 को मात्र 39 वर्ष की उम्र में बेलूर मठ में ध्यानावस्था में ही महासमाधि ले ली। इस अवसर पर गोसिया फारूकी, पूजा, विराट यादव, आर्यन प्रताप सिंह, मुकुल कुमार एवं रितिक उपस्थित रहे।

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