गंगा की कटान को देखकर ग्रामीण सह मैं, उन्होंने अपने ही घर तोड़े। परिजनों को भे जा सुरक्षित स्थान।
महेश वर्मा ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट।
शमशाबाद फर्रुखाबाद। गंगा नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। इससे निकली इलाकों के ग्रामीण के साथ समस्याएं खड़ी हो रही हैं। कट री तौफीक गांव में गंगा का पानी जिस तरह से बड़ा है और कटान हुआ है उसको देखते हुए अब तक आठ बाढ़ पीड़ित लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। ईटों को अपने मकानो से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। इससे पहले इन लोगों ने अपने परिजनों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर भेज चुके हैं। गांव में गंगा का पानी अंदर चल रहा है। गंगा के किनारे रह रहे दिनेश चंद महिपाल प्रकाश चंद मकरंद पृथ्वीराज बांकेलाल गणेश समेत 8 लोग अपने घर तोड़ चुके हैं अब जो ई टे निकली है उनको ना व के द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। वैसे तो इस गांव में 12 परिवार थे जो पानी भरने से पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए कुछ लोग ही गांव की निगरानी के लिए गांव में है। जिन लोगों ने पहले ही अपने मकान तोड़ लिए थे। उन लोगों ने अपनी सारी ईट सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दी । हालांकि यहां गंगा नदी की बाढ़ का पानी है। इस गांव के स्कूल में भी पानी भर गया है शिक्षक अपने पड़ोसी गांव में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। गांव में बाढ़ के कारण यहां के बच्चे दूसरे गांव के स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं जा पा रहे हैं। बिरिया डा रा हरसिंहपुर स मेची पुर चिता र गांव में भी पानी ने दस्तक दे दी है। इसलिए यहां के लोग अलर्ट हो गए हैं। कम थ री मैं दो स मेची पुर चि तार मैं तीन, सैदपुर पिस् तौर गांव में दो, तथा बांसखेड़ा गांव में एक-एक ना व लगाई गई है। जिससे कि लोग आराम से आवागमन कर सकें। कई गांव के संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी चल रहा है ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें। जिस तरह से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है उसे पर ग्रामीण लोग पूरी तरीके से नजर रखे हुए है
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