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लापता किशोरी मोना कांड में आरोपी बाबा व चाचा ने डेढ़ माह बाद न्यायालय में किया आत्मसमर्पण

ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
कायमगंज नगर के मोहल्ला नुन्हाई से गायब हुई किशोरी मोना के प्रकरण ने सनसनी फैला दी थी। उसी समय सफेद कपड़े में लपेटकर कोई भारी वस्तु एक वाहन से ले जाने का दृश्य सीसीटीवी फुटेज में सामने आया था। मोहल्ले वालों की आशंका तथा विरोध के बाद पुलिस हरकत में आई थी किशोरी के मामा की तहरीर पर घटना के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी दर्ज रिपोर्ट में नामित मुख्य आरोपी किशोरी के सगे बाबा विजेंद्र सिंह तथा चाचा विजय ने संभवतः पुलिस तलाशी के भय से न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। कयास लगाया जा रहा है कि इन दोनों को मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी। क्योंकि तमाम प्रयास के बाद भी आज तक इस चर्चित कांड का पर्दाफाश नहीं हो पाया है। रिमांड पर लेकर पूछताछ में शायद कांड की गुत्थी सुलझ जाए। वही बाकी आरोपियों की पुलिस सरगामी से तलाश कर रही है किंतु प्रकरण के संबंध में यह सवाल आज भी नगर व क्षेत्र वासियों के लिए पहेली बनकर रह गया है कि आखिर किशोरी मोना कहां है, क्या वह जीवित है या उसकी हत्या कर दी गई है। हालांकि किशोरी के मामा विनोद तोमर की तहरीर पर पुलिस ने किशोरी के बाबा विजेंद्र पिता संजू तथा चाचा विजय, चाची शिवानी समेत दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने आरोपियों के कई रिश्तेदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की मगर कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। इसी बीच 11 अप्रैल को मामले ने नया मोड़ लिया। जब मुख्य आरोपी बाबा विजेंद्र और चाचा विजय ने पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया। प्रभारी निरीक्षक अनुराग मिश्र ने बताया कि दोनों आरोपियों की रिमांड प्रक्रिया चल रही है। पूछताछ के बाद ही पूरे मामले की असल स्थिति सामने आ सकेगी। गौरतलब है कि 23 मार्च को पुलिस ने किशोरी की बुआ को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की थी। बुआ के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के बंद घर का ताला तोड़कर ऊपरी मंजिल पर तलाशी ली जहां से फॉरेंसिक टीम की मदद से कई महत्वपूर्ण नमूने लिए गए। पुलिस को वहां से एक उत्तराखंड नंबर की बाइक भी बरामद हुई। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमों ने एटा, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी के अलावा हरियाणा और उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर दविस भी दी थी। किंतु पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लग सका। किंतु अब पुलिस को इन दोनों आत्म समर्पण करने वालों को रिमांड पर लेकर पूछताछ से इस सनसनीखेज चर्चित मोना कांड की सच्चाई का पता लगने की उम्मीद बड़ी है।

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