ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट संजीव कुमार सक्सेना


फर्रुखाबाद।
तहसील सदर के सब रजिस्ट्रार रवीकांत यादव के द्वारा नया आदेश लागू किए जाने के कारण अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक भड़क गए।आदेश के तहत बैनामों का पंजीयन शुल्क अब कार्यालय में जमा नहीं किया जायेगा। शुल्क जमा करने के लिए कार्यालय से चालान पास कराकर फतेहगढ़ स्टेट बैंक में जमा करना होगा। इससे बैनामों की रजिस्ट्री कराने में कई घंटों का इन्तजार करना होगा। तहसील सदर बार एसोसिएशन के सचिव अतुल मिश्रा संयुक्त सचिव विकास सक्सेना उपाध्यक्ष योगेश चन्द्र दीक्षित,जितेंद्र सक्सेना, आकाश दीक्षित, अजय प्रताप सिंह, नरेश गुप्ता एडवोकेट , दस्तावेज लेखक संघ के विनोद सक्सेना, सचिव मनोज कुमार त्रिवेदी, मनोज सक्सेना आदि लोगों ने सब रजिस्ट्रार से भेंट कर अधिवक्ता और दस्तावेज लेखकों ने आदेश लागू किए जाने का विरोध किया। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई की सब रजिस्ट्रार द्वारा कैश चोरी के मामले में दर्ज कराई रिपोर्ट में तहसील के मुंशियों के चोरी में शामिल होने की आशंका जाहिर की अधिवक्ता व दस्तावेज लेखकों ने सब रजिस्ट्रार को बताया कि हम लोग चाहते हैं। कि जल्द ही चोरी की घटना का खुलासा हो हम लोग इस मामले में सहयोग करना चाहते हैं लेकिन हम लोगों के मुंशियों को कथित चोर समझा जा रहा है।जबकि विभागीय कथित चोर कर्मचारी आफिस में खुलेआम बैठकर काम कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों को आप ईमानदार समझ रहे हो। सब रजिस्ट्रार ने बताया की जिला अधिकारी के आदेश का पालन कराया जा रहा है। अधिवक्ताओ ने बताया कि सब रजिस्ट्रार ने जिलाधिकारी के वर्ष 2022 के आदेश को अब लागू किया है। इस आदेश को 22 के बदले 25 करके चस्पा किया गया है। मालुम हो यदि जिला अधिकारी के आदेश पर पंजीयन शुल्क बैंक में जमा होता रहता। तो चोरी की घटना कार्यालय में नहीं होती।