रिपोर्ट मनोज कुमार सोनी/

सोनभद्र /शक्तिनगर/एनसीएल खड़िया परियोजना में कार्य कर रही कलिंगा कंपनी में रोजगार के नाम पर रुपया लेने के खेल के बाद अब चेन्नई राधा में रोजगार बेचने और स्थानीय विस्थापितों का हक मारने का खेल जोरों पर शुरू हो गया है चेन्नई राधा में एनसीएल बीना परियोजना के अधिकारियों समेत कंपनी के भ्रष्ट अधिकारी एवं सफेद पोश इन दिनों विस्थापितों और स्थानीय लोगों का हक मारकर अन्य स्थानों के रहने वाले लोगों से मोटी रकम लेकर नौकरी बेचने का खेल चला रहे है ।ऐसे में स्थानीय बेरोजगार युवक दर दर भटकने को मजबूर है। यह खेल कंपनी के एचआर टिम के भ्रष्ट अधिकारीयों की मिली भगत से खेला जाता है।कंपनी के बड़े अधिकारी द्वारा नौकरी बेचने के बाद अपना ट्रांसफर अन्य स्थानों पर करा लिया जाता है।जिससे कंपनी के लोगों पर दाग न लग पाए। इससे पहले कलिंगा कंपनी में एचआर टिम के द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा लेने का ऑडियो भी वायल हुआ था जिसका संज्ञान लेकर सोनभद्र पुलिस ने मुकदमा भी पंजीकृत किया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों से मारपीट गाली गलौच जैसे घिनौना कृत्य भी सामने आया था हद तो तब हो गई थी जब कलिंगा कंपनी के पीएम प्रशांत श्रीवास्तव को दूसरे स्थान पर स्थानांतरण करने के बाद चालू कैमरे के सामने उसने यह माना और बोला कि सोनभद्र समेत सिंगरौली में जबर्दस्त तरीके से नौकरी के नाम पर पैसा लेने का खेल चलता है एक एक व्यक्ति से 2 से 3 लाख रुपए तक वसूलने और फिर कंपनी में नौकरी दिलाने का काम किया जाता है। ऐसा ही सिंलसिला अब चेन्नई राधा एनसीएल बीना में भी देखने को मिलना शुरू हो गया है। स्थानीय समेत विस्थापित आएदिन रोजगार की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहते है। विस्थापितों का कहना है कि कंपनी के आने के पूर्व ऐसा लगता है हम बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलने वाला है लेकिन कंपनी और एनसीएल के अधिकारियों द्वारा माहौल को शांत कराने को लेकर सफेद पोश और अपने आप को जनप्रतिनिधि बताने वाले तथाकथित लोगों के बीच बैठक कराकर उन्हें नौकरी बेचने का कोटा बांट दिया जाता है फिर जमकर नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे की बंदरबांट की जाती है। जिसके बाद हम बेरोजगार बेरोज़गारी की मार झेलते रहते है जरूरतमंद को रोजगार नहीं मिल पाता है सूत्र बताते हैं कि चेन्नई राधा कंपनी में ठेकेदारों द्वारा 15 हजार रुपए सैलरी देकर बाहर से लोग बुलाकर नौकरी कराई जा रहा है जिससे यहां के रोजगारों का हक मारा जा रहा है। कथाकथित लोगों द्वारा कंपनी में दीमक की तरह लग गए हैं और मठाधीशों की तरह सफेद पोशाक में बैठकर मठाधीसी का कार्य कर रहे हैं ईमानदारी का चोला पहनकर अपने गुर्गों द्वारा नौकरी को बेचा जा रहा है,शेष अगले अंक में।