मुंबई में ऑटो चलाने के दौरान मुंबई के अपराधियों से असद अहमद ने सीखी थी साइबर ठगी
ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार
कन्नौज। मुंबई में ऑटो चलाने के दौरान असद अहमद खान कुछ साइबर अपराधियों के संपर्क में आ गया था। उनसे साइबर अपराध सीखने के बाद दो साल पहले गांव आ गया। मदरसे के नाम से बैंक में खाता खुलवाकर पिता अली अहमद खान के साथ मिलकर साइबर क्राइम में संलिप्त हो गया। एक मामले में इंदौर पुलिस दोनों बाप-बेटे को गिरफ्तार करके ले गई है। एक मामले में नासिक पुलिस भी जांच कर रही है। एक मामले की जांच कन्नौज पुलिस कर रही है। तिर्वा कोतवाली के गांव सतौरा निवासी अली अहमद खान अपने घर मेंं मदरसा चलाता था। मदरसे में बच्चों की संख्या बीस से कम थी। उसका बेटा असद अहमद खान मुंबई में ऑटो चलाता था। असद वहां साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों के संपर्क में आ गया। उनसे डिजिटल अरेस्ट करने का अपराध सीखने के बाद गांव आ गया। गांव आने के बाद असद ने पिता के मदरसे का चालू बैंक खाता अपने नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुलवाया। इसके बाद कई लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते भी खुलवाए। लोगों को खाते में आने वाली रकम का 20 प्रतिशत देने का भरोसा दिया था। इसके बाद सीबीआई अधिकारी बनकर बाप-बेटे ने इंदौर की महिला से 46 लाख रुपये मदरसे वाले खाते में ट्रांसफर करवाए। फिर नासिक की माधुरी को हाउस अरेस्ट करके 23 लाख रुपये ट्रांसफर कराए। इस तरह करीब डेढ़ करोड़ रुपये मदरसे के खाते मेंं ट्रांसफर कराए। बाद में खाते में आए रुपयों को अन्य नौ एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। पुलिस व बैंक अधिकारियों को गुमराह करने के लिए खाते से डेढ़ करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन करने का मुकदमा कोर्ट के आदेश पर साहिल नाम के युवक पर दर्ज करा दिया। शुक्रवार को नासिक पुलिस ने असद व उसके पिता अली अहमद को गिरफ्तार कर लिया। बाप-बेटे की गिरफ्तारी नासिक साइबर क्राइम थाना पुलिस को हुई तो उन्होंने भी जांच शुरू कर दी।
साइबर थाने के इंस्पेक्टर ने तिर्वा के अतिरिक्त इंस्पेक्टर राधेश्याम को फोन करके पिता-पुत्र के बारे में जानकारी ली। नासिक साइबर थाना पुलिस पिता-पुत्र को 23 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मुकदमे में रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इंस्पेक्टर राधेश्याम ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर दर्ज मुकदमे में बैंक से डिटेल मिलते ही आगे की छानबीन शुरू करके कड़ी जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
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