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श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण बाल लीलाओं को सुनकर श्रोता हुए भावविभोर

रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

फिरोजाबाद। रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ में कथावाचक ने श्री कृष्ण बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन पर्वत, माखनचोरी की कथा सुनाते हुए गोपियों का श्री कृष्ण के प्रति प्रेम की चर्चा सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथाव्यास ने कहा कि परमात्मा की भक्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव है। कथा पांडाल में भजनों पर महिला पुरूष थिरकते रहें।
अभा सोहम् महामंडल के तत्वाधान में हो रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास रामगोपाल शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि कंस द्वारा नंदगांव में भेजे गए विभिन्न राक्षसों का नरसंहार करने के बाद गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान ने इंद्र के अहंकार को दूर करने के लिए और ब्रजमंडल वासियो की सुरक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर सात उठाया था। बाद में इंद्र को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ। हमें भी जीवन में अहंकार से दूर रहकर सच्चे और स्वच्छ मन से भगवानके साथ-साथ प्राणी मात्र की सेवा करनी चाहिए। कथा व्यास ने कहा इस प्रकार तन वही सफल है जो परमात्मा का चिंतन मनन करें और आंख भी वही सफल है जो परमात्मा का दर्शन करें।

बॉक्स — धर्म का पालन करने से ही मनुष्य का सफल होता है जीवन

फिरोजाबाद। रामलीला ग्राउंड में चल रहे विराट सन्त सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद के कृपापात्र सोहम पीठाधीश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि धर्म का पालन आवश्यक है। तभी जीवन सफल हो सकता है। युधिष्ठिर ने धर्म का पालन करते हुए उन्नति पाई। हरिश्चंद ने धर्म का पालन किया यद्यपि उनके जीवन में बहुत कठिनाइयां आई थीं। धर्म के पालन में बहुत परीक्षाएं होती हैं।किंतु जो उसमें सफल हो जाते हैं वो प्रसिद्ध हो जाते हैं वो प्रेरणा स्रोत हो जाते हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी धन एकत्रित करले किंतु और अधिक प्राप्त करने की तृष्णा समाप्त नहीं होती।इसलिए भगवान की कृपा से जितनी भी स्वांसे मिली हैं उनको सही प्रकार से उपयोग में लाते हुए धर्म का पालन करना चाहिए। सद्गुरु स्वामी विवेकानंद महाराज का 79 वाँ जन्मदिवस कल मनाया जाएगा। रामशरणदास ने कहा धर्म पर डट जाना कोई सामान्य बात नहीं है। मोरध्वज आदि अनेकों भक्तों ने धर्म का आधार लेकर अपनी मुक्ति कर ली थी। स्वामी परमानंद ने कहा कि सनातन धर्म का क्षेत्र बहुत व्यापक है।अलग अलग विचारधाराएं भी है। स्वामी प्रणवानंद, ने कहा अपने धर्म का ही पालन मरते दम तक करना चाहिए। निगमानन्द, स्वामी नारायणानंद, स्वामी हरिशरणानंद, स्वामी सच्चिदानंद और स्वामी सदानंद ने भी श्रद्धालुओं को उपदेशित किया। इस अवसर पर यज्ञपति उमेश अग्रवाल कथा परीक्षित मनोज यादव उमाकांत पचौरी, द्विजेन्द्र मोहन शर्मा, चन्द्रप्रकाश शर्मा, विकास लहरी शिवनारायण यादव संजय अग्रवाल जगदीश यादव पंडित रामदेव शर्मा शिव शंकर तिवारी, सर्वेश दीक्षित बालकिशन अग्रवाल महेश यादव, विपिन शर्मा, नरेंद्र कुमार शर्मा ओम प्रकाश शर्मा आदि मौजूद रहे। ———–

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