हाथरस में सत्संग में भगदड़, 50 से ज्यादा मौत:अस्पताल के बाहर बिखरी पड़ी लाशें; टैंपो में लादकर ले गए,150 घायल
ब्यूरो चीफ मेराज अहमद ईस्ट इंडिया टाइम्स
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक भक्त घायल हैं। कई की हालत गंभीर हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसे के बाद हालात भयावह हैं। अस्पताल के बाहर शव जमीन पर बिखरे पड़े हैं। टैंपो में लादकर शवों और घायलों को ले जाया गया है। हादसे में 150 घायल हैं।CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- हाथरस से अब तक 27 शव एटा लाए गए। इनमें 25 महिलाएं और 2 पुरुष हैं। बाकी शव CHC सिंकदराराऊ में हैं। शवों के पंचनामे की प्रक्रिया चल रही है। फिर पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। सत्संग में 20 हजार से अधिक लोगों की भीड़ थी।हादसा फुलरई गांव में हुआ है। हादसे के बाद जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को बस-टैंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया। CM योगी ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और DGP प्रशांत कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया। घटना के कारणों की जांच के लिए ADG आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम गठित की गई है।एक साथ इतनी संख्या में घायल पहुंचे कि अस्पताल के बाहर लोगों को जमीन पर ही लिटाकर इलाज शुरू किया गया। भगदड़ क्यों मची सत्संग खत्म हो गया था। एक साथ लोग निकल रहे थे। हॉल छोटा था। गेट भी पतला था। पहले निकलने के चक्कर में भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। इस वजह से 150 से अधिक लोग घायल हो गए।सरकारी नौकरी छोड़ भोले बाबा ने प्रवचन शुरू किया भोले बाबा का असली नाम नारायण साकार हरि है। वह सत्संग करते हैं। एटा की पटयाली तहसील के गांव बहादुर के रहने वाले हैं। उन्होंने 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू किया था। प्रवचन में दावा करते हैं- वे गुप्तचर ब्यूरो में नौकरी करते थे। भोले बाबा के अनुयायी पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में ज्यादा हैं।
Post Comment