कलिंगा ऑउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारी विकास मिश्रा के हस्ताक्षर वाला पत्र सोशल मीडिया पर वायरल — पत्र में आशीष चौबे को 29 लाख रुपये नकद देने का उल्लेख।

मनोज कुमार सोनी रिपोर्ट।
सोनभद्र,सिंगरौली,
एनसीएल खनन क्षेत्र से जुड़ी ठेकेदार कंपनी KCCL (Kalinga Commercial Cooperation Limited) के अधिकारियों के बीच भारी मात्रा में नकद लेनदेन का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर कलिंगा आउटसोर्सिंग कंपनी से जुड़ा एक वायरल पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें लगभग ₹29 लाख रुपये नकद देने का उल्लेख है।
वायरल हुए इस पत्र पर कंपनी के अधिकारी विकास मिश्रा के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं।
पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि —
“विकास मिश्रा सर के आदेशानुसार लगभग 29 लाख रुपये कैश आशीष चौबे को हैंडओवर किए जा रहे हैं।”
इस दस्तावेज़ के सामने आने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतनी बड़ी राशि कैश में क्यों दी गई, जबकि नियमों के अनुसार कंपनियों के बीच वित्तीय लेन-देन बैंकिंग माध्यम से किया जाना चाहिए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह पत्र किसी आंतरिक भुगतान प्रक्रिया से जुड़ा हो सकता है, लेकिन कैश लेन-देन का उल्लेख वित्तीय पारदर्शिता पर गंभीर संदेह पैदा करता है।
सोशल मीडिया पर कई लोगों का कहना है कि यह कहीं “ब्लैक मनी को वाइट करने का प्रयास” तो नहीं है। वहीं, इस मामले पर अब तक कंपनी प्रशासन या संबंधित अधिकारियों की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिक संगठनों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, ताकि यह पता चल सके कि यह भ्रष्टाचार या अवैध धन लेनदेन का मामला है या नहीं।
सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा है -“यह सिर्फ एक लेनदेन नहीं, सिस्टम की सच्चाई का आईना है।”
यदि वायरल पत्र की पुष्टि जांच में सही पाई जाती है, तो यह मामला न केवल KCCL बल्कि खनन और ठेकेदारी व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।जब इस विषय पर आशीष चौबे से बात हुआ तो उनका कहना है कि यह अधिकृत दस्तावेज नहीं है।सारा मामला जांच का विषय बना?