ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन

उत्तराखंड
बाजपुर /उधमसिंह नगर: समाजवादी पार्टी यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय महासचिव अरविन्द यादव ने कहा कि जाति जनगणना का फैसला 90 प्रतिशत पीडीए की एकजुटता की 100 प्रतिशत जीत है। इंडिया गठबंधन के सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है। उन्होंने भाजपा सरकार को चेताते हुए कहा कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे। एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे। ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा। संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है। सपा संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव ने संसद में जातिवार जनगणना का मुद्दा केंद्र की हर सरकार में पुरजोर तरीके से उठाया था, क्योंकि वो जानते थे कि जाति की गणना न कराने से कमजोर-पिछड़ों के अधिकारों की हकमारी की जा रही है। सपा
संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव अत्याचार, उत्पीड़न, शोषण और पिछड़ेपन के दंश को जानते थे और ये मानते थे कि जब तक सरकारों को झकझोरा और जगाया नहीं जाएगा, तब तक परंपरागत शक्तिशाली लोग न तो सत्ता में किसी को हिस्सा देंगे, न उनका अधिकार। उन सब समाजवादी नेताओं को सादर नमन जिन्होंने इसके लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। ये सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तीकरण के सभी गणमान्य विचारकों के निरंतर संघर्ष की जीत है और उनकी करारी हार जो सौ साल से इसे नकारने का षडयंत्र रचते रहे।
