ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। उत्तर प्रदेश में दलित समाज पर लगातार हो रहे अत्याचार और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन पर किए गए हमले के विरोध में समाजवादी पार्टी कन्नौज इकाई ने ज़ोरदार प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी सौंपा। यह ज्ञापन प्रदेश में बढ़ रही तानाशाही, दलित विरोधी रवैये और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने की साजिशों के विरोध में भेजा गया। सपा जिलाध्यक्ष कलीम खान के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और नेता मौजूद रहे। कलीम खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने संविधान और लोकतंत्र को ताक पर रख दिया है। राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन पर हमला सिर्फ़ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरी दलित बिरादरी और सामाजिक न्याय की भावना पर हमला है। भाजपा सरकार की मनुवादी मानसिकता अब साफ तौर पर सामने आ चुकी है। पूर्व विधायक अरविन्द सिंह यादव ने कहा कि सपा नेताओं को लगातार निशाना बनाना और दलित समाज के खिलाफ राज्य मशीनरी का इस्तेमाल, भाजपा की फासीवादी राजनीति का प्रमाण है। हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। वरिष्ठ नेता जय कुमार तिवारी बऊअन एवं प्रदेश सचिव एवं प्रवक्ता आकाश शाक्य ने कहा कि यह हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया ताकि समाजवादी आंदोलन और दलित नेतृत्व को कुचला जा सके। सपा सांसद सुमन जी का काफ़िला रोकना, उन पर हमला और फिर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किया जाना – यह दर्शाता है कि सरकार स्वयं इस साजिश में शामिल है। हम राष्ट्रपति शासन की माँग करते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष प्रवल प्रताप सिंह एवं यश कुमार दोहरे ने कहा कि दलित समाज अब भाजपा की जातिवादी और तानाशाही नीतियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह हमला समाजवादी विचारधारा पर है और हम इसके विरुद्ध जनआंदोलन चलाएँगे।
प्रदर्शन में वक्ताओं ने प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव को लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों का मुद्दा भी उठाया। वक्ताओं ने कहा कि “एक चुने हुए सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री को मिल रही लगातार धमकियों को सरकार जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा उनकी NSG सुरक्षा हटाया जाना एक सुनियोजित साजिश है। हम मांग करते हैं कि अखिलेश यादव जी की NSG सुरक्षा तत्काल प्रभाव से बहाल की जाए। राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन पर हमले की न्यायिक जांच कर दोषी अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए। उत्तर प्रदेश में दलित समाज पर बढ़ते अत्याचारों और राजनीतिक दमन के चलते राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार किया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कन्नौज सांसद अखिलेश यादव को मिल रही जान की धमकियों को गंभीरता से लेते हुए उनकी NSG सुरक्षा तत्काल बहाल की जाए। प्रदेश सरकार द्वारा संरक्षित सामंती और मनुवादी मानसिकता के विरुद्ध महामहिम राष्ट्रपति स्वयं हस्तक्षेप करें। दलित समाज के नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं आम नागरिकों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश यादव नेताजी, सन्तोष यादव एवं समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हसीब हसन ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सामाजिक न्याय, लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों को कुचलने की जो कोशिशें की जा रही हैं, उसके विरुद्ध पार्टी सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी। यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई और मांगें पूरी नहीं की गईं, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। इस दौरान तिर्वा विधानसभा अध्यक्ष
शरद यादव, छिबरामऊ विधानसभा अध्यक्ष उमेश पाल,जिला पंचायत सदस्य श्याम सिंह यादव,रामशंकर लोधी, कोषाध्यक्ष राजू यादव,अंगूरी दहाड़िया, कंचन कनौजिया,राजेंद्र सिंह यादव, चंद्रभान दोहरे,रीपु यादव, विवेक पाल,राकेश कठेरिया,भानू प्रताप सिंह, संदीप यादव, अवनीश पटेल, राम किशन गिहार, मेराज खान, सभासद पिंकू कठेरिया, चंकी राजपूत, सुमन दोहरे, सरोजनी कुशवाहा,आनंद बाबू यादव, राव दीपक यादव, मुस्ते हसन, इमरान खान, मुकीम खान, सतेंद्र दोहरे, गोविन्द कुशवाहा, मसूद अहमद,तौसीफ़ कुरैशी,गुफरान अहमद, तुफैल अहमद, अजय कश्यप, सुधीर कश्यप, बी पी यादव,रोहित कुशवाहा रवि चतुर्वेदी, निखिल कुशवाहा, विमल सिंह, रियाज़ खान, अनिल यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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