रिपोर्ट एस पी कुशवाहा

देवरिया/ नवीन कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड) के अंतर्गत छात्र छात्राओं को लैपटॉप वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो कक्षा 9 अथवा उससे ऊपर की कक्षाओं में अध्ययनरत हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ बरहज छेत्र से विधायक दीपक मिश्रा उर्फ शाका, विधायक रामपुर कारखाना सुरेन्द्र चौरसिया, सांसद सलेमपुर प्रतिनिधि मुन्ना यादव, विधायक भाटपाररानी प्रतिनिधि परवेज आलम, सदस्य विधान परिषद प्रतिनिधि राजू मणि, ब्लाक प्रमुख सलेमपुर प्रतिनिधि अमरेश प्रताप सिंह तथा ब्लाक प्रमुख देसही प्रतिनिधि संजय कुमार तिवारी की उपस्थिति में किया गया। मुख्य राजस्व अधिकारी जलराजन चौधरी एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी प्रियंका चौधरी उपस्थित रहीं। जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर ने अतिथियों का बुके भेंट कर स्वागत किया और महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। योजना के अंतर्गत ऐसे 100 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 63 को लैपटॉप उपलब्ध कराया गया।
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जब पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में था, उस समय उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल सेवा योजना के माध्यम से प्रभावित परिवारों के नाबालिग बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपये की धनराशि का सहयोग प्रदान किया था । अब उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए लैपटॉप उपलब्ध कराकर शिक्षा में तकनीकी सहयोग देने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम में जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी ने अपने-अपने विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डाला। मुख्य राजस्व अधिकारी ने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जनता को हो रहे लाभों की चर्चा करते हुए लैपटॉप योजना और बाल सेवा योजना के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जय प्रकाश तिवारी (संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई), नीतू भारती (प्रबंधक), मीनू जायसवाल (मनोवैज्ञानिक, वन स्टॉप सेंटर), मंशा सिंह (जेंडर स्पेशलिस्ट, हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वुमन), अनुराधा राज (प्रभारी कोऑर्डिनेटर, चाइल्ड हेल्पलाइन), अर्चना गौड़ (काउंसलर), राजेश कुमार यादव (सोशल वर्कर), जैनेन्द्र पाण्डेय, अमितेष यादव (ओआरडब्ल्यू, जिला बाल संरक्षण इकाई), सैफ खान (कनिष्ठ सहायक, जिला प्रोबेशन कार्यालय), नितेश कुमार, श्रवण कुशवाहा एवं महिला कल्याण विभाग के अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।कार्यक्रम में पात्र बालक–बालिकाओं के साथ उनके अभिभावक एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।