रिपोर्ट राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। मिशन शक्ति अभियान 5.0 के तहत गुरुवार को छिबरामऊ तहसील परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 15 वर्षीय साहसी बच्ची प्रीति को सम्मानित किया गया। प्रीति ने हाल ही में काशीराम कॉलोनी में पांच वर्षीय भाई प्रांशु को बंधक बनाने वाले शातिर दीपू के खिलाफ हिम्मत दिखाते हुए पुलिस की मदद की थी। प्रीति न सिर्फ दीपू के चंगुल से बाहर निकली, बल्कि घर की स्थिति बताकर पुलिस को सफल कार्रवाई में सहयोग भी दिया। बच्ची प्रीति के पिता का कुछ समय पूर्व देहांत हो चुका है । माँ लगभग 3 माह पूर्व अभियुक्त दीपू के साथ चली गई थी तथा उसके बाद दीपू को छोड़कर वह अन्य किसी व्यक्ति के पास चली गई। बच्चे 18 वर्षीय देव, 15 वर्षीय प्रीति तथा 5 वर्षीय प्रांशु काशीराम कॉलोनी में किराए के आवास में अकेले ही रहते हैं । घर में ही एक छोटी सी दुकान चला कर जीवन यापन करते हैं इसके अतिरिक्त न तो उनके पास कोई चल-अचल संपत्ति है न ही आय का कोई नियमित साधन है।बच्ची प्रीति के साहसिक कार्य तथा उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए पुलिस द्वारा प्रीति को सम्मानित करने तथा बच्चों की सहायता का निर्णय लिया गया। पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर पुलिस कर्मियों ने धनराशि एकत्र कर परिवार को सिलाई मशीन दिलाई,
महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रीति और प्रांशु के लिए मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना से 2500-2500 रुपये मासिक सहायता स्वीकृत कराई। शिक्षा विभाग ने बच्चों की निःशुल्क शिक्षा और पाठ्य पुस्तकों की व्यवस्था की।उपजिलाधिकारी छिबरामऊ ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ने काशीराम आवास योजना से बच्चों को निःशुल्क आवास आवंटित कराया। और प्रीति को प्रमाण पत्र देकर पुलिस द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी छिबरामऊ ज्ञानेन्द्र द्विवेदी, बाल कल्याण समिति की अल्का रानी, महिला कल्याण अधिकारी अंकुश कुशवाहा, खंड शिक्षा अधिकारी आनंद दुबे, वन स्टॉप सेंटर प्रभारी विनीता कुमारी समेत कई अधिकारी, स्थानीय गणमान्य लोग और मीडिया प्रतिनिधि मौजूद रहे। मौके पर पुलिस और प्रशासन के इस सराहनीय प्रयास की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। साहस और हिम्मत की मिसाल बनी प्रीति अब समाज के लिए प्रेरणा बन गई है।