रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
भारतीय कृषक एसोसिएशन के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को तहसील पहुंचा। किसान नेताओं ने कहा कि नगर में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह अव्यवस्थित है। बिजली आने-जाने का कोई तय समय नहीं है। लाइनमैनों पर आरोप लगाया गया कि वे बिजली दुरुस्त करने के नाम पर दो सौ रुपये तक वसूलते हैं। मनमाने ढंग से शटडाउन ले लिया जाता है और पूछने पर कहा जाता है कि लाइन में फाल्ट है। किसानों ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि नगर में कई संदिग्ध व नकली अंग्रेजी दवाइयां बिक रही हैं। वहीं आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सालयों में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है। ग्राम जरारी झब्बूपुर स्थित राजकीय यूनानी चिकित्सालय में कोई चिकित्सक न होने से मरीज परेशान हैं। किसान नेताओं ने बताया कि बाढ़ से गंगा किनारे बसे गांवों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए। क्षेत्रीय लेखपालों पर मुआवजा वितरण के नाम पर अवैध वसूली का आरोप भी लगाया गया। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है, ऐसे में छिड़काव कराया जाए और पुलियों का निर्माण ऊंचा किया जाए।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि गंगा नदी पर लगने वाला ऐतिहासिक ढाईघाट मेला अब शाहजहांपुर जिले की सीमा में कर दिया गया है, जबकि यह फर्रुखाबाद जिले का पारंपरिक मेला रहा है। उन्होंने इसे पुनः फर्रुखाबाद प्रशासन की व्यवस्था में कराने की मांग की। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि बाढ़ में डूबकर जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिजनों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन एसडीएम अतुल कुमार सिंह को सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में राष्ट्रीय प्रवक्ता मुन्नालाल सक्सेना, रामवीर पाल, निशांत त्रिवेदी, रामनारायण, शीलचंद, और किशन अग्निहोत्री सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।

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