रिपोर्ट वीरेंद्र तोमर

बागपत/बिनौली/ बरनावा स्थित महृषि वेद व्यास वानप्रस्थ आश्रम व मंदिर परिसर में निर्माणाधीन यज्ञशाला पर वन विभाग की टीम ने रविवार को जेसीबी से निर्माण को ढा दिया।
वन अधिकारियों का कहना है कि यह भूमि वन विभाग की है।मंदिर कमेटी का आरोप है वन विभाग ने बिना सूचना दिए यज्ञशाला को क्षतिग्रस्त कर दिया यागशाला को क्षतिग्रस्त करने से ग्रामीणों में रोष है। बरनावा गांव में शाहपुर बाणगंगा मार्ग के पास आश्रम और मंदिर है। यहां पर महर्षि वेद व्यास वानप्रस्थ आश्रम भी स्थापित है। यहां वृद्धजनों के रहने के लिये आठ कमरे और बरामदे का निर्माण भी कराया गया था। आश्रम में इस समय साधु संत सहित करीब 12 वृद्ध रहते हैं। समय-समय पर धार्मिक आयोजन करने के लिए सर्व समाज के सहयोग से आश्रम में यज्ञशाला का निर्माण शुरू कराया गया है। रविवार को रेंजर सुनेंद्र सिंह, डिप्टी रेंजर तालिब, सेक्शन इंचार्ज वन रक्षक संजय, अंकित, मनोज आदि वनकर्मी वहां जेसीबी मशीन लेकर पहुचें और निर्माणाधीन यज्ञशाला की भूमि को वन विभाग की बताकर यज्ञशाला के दो पिलर जेसीबी से क्षतिग्रस्त करा दिए। वहां मौजूद लोगों से भूमि के वैधानिक अभिलेख और कागजात दिखाने को कहकर चले गए। वन विभाग द्वारा आश्रम में निर्माणाधीन यज्ञशाला को क्षतिग्रस्त करने से आश्रम के अध्यक्ष पूर्व प्रधान विष्णुदत्त त्यागी, आचार्य विजय कुमार, विजयपाल शास्त्री, सुंदर सिंह, जगत सिंह, अजय त्यागी, राकेश त्यागी, मास्टर अरुण त्यागी, सचिन त्यागी, सुभाष आदि ने रोष जताया है। इस बारे में रेंजर सुरेंद्र कुमार का कहना था कि उक्त भूमि पर निर्माण के संबंध में शिकायत हुई थी। इसके बाद डीएफओ के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। वहां मौजूद लोगों से अभिलेख दिखाने के लिए कुछ समय दिया गया है।

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