जिलाधिकारी का फरमान बेअसर ठठिया पट्रोल पम्प पर नो हेलमेट नो पेट्रोल की खुलेआम उड़ रही धज्जियां
पेट्रोल पंप मैनेजर बोले, दो करोड़ लगता है पट्रोल पम्प बनाने में, नियम चलाएंगे तो बंद हो जायेगा पट्रोल पंप।
ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार
ठठिया (कन्नौज) । सड़क सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाये जाने के अलावा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने पर और शासन के निर्देश पर जिले के जिलाधिकारी ने जिले में पेट्रोल पंपों पर नो हेलमेट नो पेट्रोल का 12 जनवरी से नियम लागू कर दिया था। पर इसके बाद भी कुछ पेट्रोल पंपों पर इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
ताजा मामला जिले के थाना ठठिया क्षेत्र के पल्टेपुर्वा गांव के ए.एच फिलिंग स्टेशन का है।
बताते चलें कि बीते समय में लगातार तेजी से बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है। शासन के आलाधिकारियों से लेकर अन्य शीर्ष आला हुक्मरान भी इन हादसों को लेकर चिंतित हैं।
सड़क दुर्घटनाओं में कुछ हद तक ही सही कमी आ सके। इसके लिये सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाये जाने को लेकर कन्नौज में भी डीएम सुभ्रांत कुमार शुक्ला ने जिले के पेट्रोल पंप स्वामियों को यह निर्देश जारी किया था। कि किसी भी हाल में दो पहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट पेट्रोल और डीजल ना दिया जाये। इसके अलावा पंपों को सीसीटीवी की निगाह में भी रखा जाय।
इसको लेकर बीती 10 जनवरी को कलेक्ट्रेट सभागार में विभागीय बैठक भी आयोजित की गई थी। बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी से लेकर पुलिस विभाग को भी अभियान में सख्त रुख अपनाने की बात भी कही गई थी। बिना हेलमेट की गाड़ियों का चालान और जुर्माने का प्रावधान भी रखा जाय, इसको लेकर भी निर्देशित किया गया था। पेट्रोल पंपों पर पुलिस की ड्यूटी लगाई जाय। जिससे बिना हेलमेट के किसी भी दुपहिया वाहन चालक को पेट्रोल डीजल ना मिल सके।
बैठक में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान में एएसपी, एआरटीओ, जिला पूर्ति अधिकारी की मौजूदगी रही थी।
खास बात तो यह है, कि शासन के सख्त निर्देश के बाद भी उपरोक्त अभियान को लेकर जिले के पेट्रोल पंपों पर निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ताजा मामला ठठिया थाना क्षेत्र के पल्टेपुरवा के ए.एच फिलिंग स्टेशन पट्रोल पंप का सामने आया है। ए.एच फिलिंग स्टेशन पल्टेपुरवा ठठिया पर मैनेजर के रूप में बिमल तिवारी तैनात है।
इस पट्रोल पंप पर शासन और जिले का आदेश शायद कोई मायने नहीं रखता है।
शुक्रवार को पेट्रोल पंप पर उपरोक्त आदेश का किस कदर पालन हो रहा है। यह जब देखा गया तो यहां उपरोक्त शासनादेश की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आईं। दोपहिया वाहन चालकों की कतारें बिना हेलमेट में पेट्रोल और डीजल लेने को लगी थीं। वहीं पंप के कर्मी भी बिना हेलमेट के ही वाहन चालकों को पेट्रोल और डीजल देते हुये नजर आ रहे थे। मीडिया का कैमरा देखते ही पंप पर जारी अभियान रुक गया। मशीन के निकट ही हेलमेट रखा हुआ नजर आया। पत्रकारों ने मौके पर मौजूद कर्मियों से जब बात की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इसी दौरान मौके पर पहुंचे पंप के मैनेजर बिमल तिवारी का कहना था कि। पेट्रोल पंप बनवाने में दो करोड़ रुपये लगता है, आदेशों को पूरा करने लगेंगे तो पंप ही बंद हो जायेगा।
फिलहाल शासन के फरमान का तो पता नहीं, पर शायद ऐसा लगता है, कि पंप चलाने वाले लोग इस शासनादेश से कुछ ज्यादा ही दुखी हैं।
अब सवाल ये है कि, शासन का सड़क सुरक्षा को लेकर चलाया जा रहा फरमान आखिर पूरा कैसे होगा।
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