बाबा हाजी शरीफ जिंदनी का 832वां उर्स संपन्न होने के बाद आज इत्र नगरी में गाजे-बाजे के साथ चादर जुलूस निकाला गया
ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार
कन्नौज। जनपद के मशहूर बुजुर्ग बाबा हाजी शरीफ जिंदनी का 832 वां उर्स संपन्न होने के बाद आज इत्र नगरी में गाजे-बाजे के साथ चादर जुलूस निकाला गया। बाबा हाजी की दरगाह पर उर्स कमेटी के ओहदेदारों ने चादर चढ़ाई। इस दौरान हजारों अकीदतमंदो ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगायी। इत्र नगरी कन्नौज में गुरुवार को बाबा हाजी शरीफ जिन्दनी रहमतुल्ला अलेह की चादर धूमधाम से निकाली गई। दरगाह कमेटी के सदर हाजी समशुल खान के मीरवैस टोला स्थित आवास से अक़ीदतमंदो ने धूमधाम और गाजे-बाजे के साथ चादर निकाली। चादर शहर के विभिन्न मोहल्लों से होते हुए बाबा हाजी शरीफ जिंदनी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर पेश की गई। चादर पेश करने के बाद ओहदेदारों व अकीदतमंदो ने फातिहा पढ़ देश में अमन व तरक्की की दुआ मांगी। इत्र नगरी में उर्स के बाद निकलने वाले चादर जुलूस की तैयारी सुबह से शुरू हो गयी थी। दोपहर दो बजे के बाद धूमधाम से गाजे बाजे के साथ यह जुलूस निकाला गया। शहर के शिखाना मोहल्ले से उबैदुल हसन खलीफा गाजे बाजे के साथ चादर लेकर लाखन तिराहे पर पहुंचे। यहां पर सदर शमशुल खान ने शामिल लोगो का स्वागत किया। चादर जुलूस लाखन तिरहा, मछली बाजार होते हुए जामा मस्जिद के रास्ते दरगाह पहुंचा। जहां सदर समसुल खान व उनकी कमेटी की मौजूदगी में दरगाह पर चादर पेश की गई। हाजी शरीफ कमेटी ने देश में अमन और चैन सलामती की दुआं मांगी। दरगाह पर उर्स का सालाना आयोजन कराने वाले समशुल खान करीब 2 दशक से सदारत की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इस दौरान उन्होने कमेटी की रजामंदी से दरगाह को आकर्षक बनाने के लिये लाखों रुपए के काम कराए हैं। जैसे हाजी शरीफ दरगाह का बरामदा, दरगाह के नाम जमीन खरीदना और पानी की टंकी वजू खाना सहित कई काम कराये हैं। इतना सब काम करने के बाद लाखों रुपए की बचत हुई है जिसको लेकर कमेटी आगे होने वाले काम की रूपरेखा बनाएगी।
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