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गैंगेस्टर में आरोपित को 5 वर्ष का कारावास व जुर्माना।

ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ दीक्षित

फर्रुखाबाद/फतेहगढ़। विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर रितिका त्यागी ने आरोपित किशनलाल उर्फ रामकिशन पुत्र नन्हें निवासी चमरौली सिंघीरामपुर थाना कमालगंज को 5 वर्ष का कारावास व 5 हज़ार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।

बीते 25 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ सिंह ने 14 सितंबर 2000 को जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि घनश्याम सिंह पुत्र हीरालाल निवासी दरौर थाना कमालगंज जिला फर्रुखाबाद का एक संगठित गिरोह है। जिसका सरगना घनश्याम सिंह स्वयं है यह स्वयं तथा अपने साथी किशन लाल उर्फ रामकृष्ण पुत्र नन्हें निवासी ग्राम चमरौली सिंघीरामपुर व अन्य के साथ संगठित गिरोह बनाकर अनुचित एवं आर्थिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से विधि विरुद्ध साधनों द्वारा समाज विरोधी क्रियाकलाप में लिप्त है। इनके कृत्यों से क्षेत्र तथा आसपास की जनता अत्यंत आतंकित है। जनता का कोई व्यक्ति इनके आतंक से भयभीत होकर उनके विरुद्ध आसानी से गवाही देने के लिए या रिपोर्ट लिखने के लिए तैयार नहीं है। साक्ष्य गवाहों के आधार पर न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल किया। शासकीय अधिवक्ता शैलेश परमार व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश रितिका त्यागी ने आरोपित किशनलाल उर्फ रामकिशन पुत्र नन्हें निवासी चमरौली सिंघीरामपुर थाना कमालगंज को 5 वर्ष का करावास व 5 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

गैर इरादतन हत्या के प्रयास में 3 वर्ष का कारावास व जुर्माना
फर्रुखाबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार सिंह ने गैर इरादतन हत्या के प्रयास में आरोपित ओम प्रकाश पुत्र लालाराम निवासी पुनपालपुर थाना मेरापुर को 3 वर्ष का करावास व 4 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
बीते 9 वर्ष पूर्व ग्राम पुनपालपुर थाना मेरापुर के रहने वाले अजेंद्र कुमार ने 2 अप्रैल 2016 को मुकदमा दर्ज कराया की 1 अप्रैल 2016 की रात्रि समय लगभग 10.00 बजे मेरे पुत्र प्रदीप का तिलक चढ़ रहा था। जिसमें मेरे रिश्तेदार आसपास के लोग इकट्ठे थे। मेरे बड़े पुत्र अनिरुद्ध सिंह का साला विशाल पुत्र शिवनारायण उम्र 14 वर्ष निवासी हुसैनगंज थाना कमालगंज भी आया था। मेरे गांव के ओमप्रकाश पुत्र लालाराम ने आकर तिलक समारोह में जान से मारने की नियत से फायर कर दिया। गोली मेरे पुत्र के साले विशाल के सिर में जा लगी। जिससे उसकी मौत हो गयी थी। साक्ष्य गवाहों के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। शासकीय अधिवक्ता व बचाव पक्ष को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित ओम प्रकाश को 3 वर्ष का कारावास व 4 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है।

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