20 दिन बाद खुला राज, रक्षपाल की हत्या का कातिल निकला सगा भाईशिवरईमठगांव का है मामला
ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान




कायमगंज/फर्रुखाबाद
शिवरईमठ गांव में 6 अप्रैल को हुई राजमिस्त्री रक्षपाल की रहस्यमयी मौत का आखिरकार 20 दिन बाद खुलासा हो गया है। शुरुआती जांच में परिजनों ने गांव के ही एक परिवार पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस जांच ने रिश्तों की एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने ला दी। दरअसल, रक्षपाल की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके ही सगे भाई ने की थी। इसमें उसके गांव का साथी भी शामिल रहा।
6 अप्रैल को शिवरईमठ गांव के राजमिस्त्री रक्षपाल की लाश गांव के ही श्याम सिंह के बाग में संदिग्ध हालात में मिली थी। गले पर रगड़ के निशान इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि उसकी मौत सामान्य नहीं थी। रक्षपाल के भाई ब्रजराम ने गांव के ही भारत, उसकी पत्नी शशि और दो अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस लगातार तहकीकात में जुटी रही। 20 दिन की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर जब पुलिस ने ब्रजराम से सख्ती से पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। इंस्पेक्टर अनुराग मिश्र के अनुसार, पूछताछ में ब्रजराम ने स्वीकार किया कि रक्षपाल शराब का आदी था और नशे की हालत में परिवार के सदस्यों को गालियां देता था। आए दिन होने वाले झगड़ों से आजिज आकर ब्रजराम ने ही रस्सी से गला घोंटकर रक्षपाल की हत्या कर दी। इसमें उसका गांव का पड़ोसी साथी सुखराम उर्फ डब्बे भी शामित था। पुलिस ने आरोपितों की उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रस्सी भी बरामद कर ली है। इंस्पेक्टर ने ये भी बताया रक्षपाल की मोहल्ले वाले आए दिन शिकायतें किया करते थे। जिससे उसका भाई ब्रजराम अजिज आ चुका था। 6 अप्रैल को उसने अपने पड़ोसी के साथ मिलकर उसकी श्यामसिंह के बाग में ले जाकर रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि चूंकि रक्षपाल भारत के घर वह अपनी मजदूरी मांगने गया था। वहां उसकी पुत्री नहा रही थी जिसे वह देखने लगा। जिस पर विवाद हुआ था और वह शिकायत करने ब्रजराज के घर आया था। इसी वजह से उसने उसके और उसकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
गांव में जब इस खुलासे की खबर फैली तो लोग अवाक रह गए, जिसने भाई की हत्या के लिए इंसाफ की मांग की थी, वही उसका कातिल निकलेगा, यह किसी ने सोचा भी नहीं था।
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