ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन

उत्तराखंड
बाजपुर/ उधमसिंह नगर: नेता प्रतिपक्ष एवं क्षेत्रीय लोकप्रिय विधायक यशपाल आर्य ने कहा शिक्षा मंत्री की स्मरण शक्ति बेहद कमजोर है, उन्हें दो महिने पहले सदन में स्वयं दिया वक्तव्य भी याद नहीं रहता है। उन्होंने कहा एक समाचार पत्र में शिक्षा मंत्री धन सिंह द्वारा दिए बयान प्रधानाचार्य पदों की भर्ती कांग्रेस विधायकों के विरोध के कारण रुकी है पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा साफ किया सदन में मंत्री ने नियम 58 के कांग्रेस द्वारा प्रदेश में शिक्षा की दुर्दशा पर कार्यस्थगन पर स्वयं जबाब देते हुए कहा था प्रदेश के 58 विधायकों ने प्रधानाचार्य भर्ती परीक्षा का विरोध किया था।
नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा मंत्री से पूछा कांग्रेस के वर्तमान में 20 विधायक हैं यदि सभी ने विरोध में पत्र लिखा है तो मंत्री को बताना चाहिए पत्र लिखने वाले बाकी 38 विधायक कौन थे।
यशपाल आर्य ने कहा विभाग के विभिन्न संवर्गों में से चुनिंदा अभ्यर्थियों को विभागीय परीक्षा में भाग लेकर प्रधानाचार्य बनाने के षड़यंत्र का विरोध किया। क्योंकि इस भर्ती मे केवल लेक्चरर ही आवेदन कर सकते थे। जबकि पहले प्रधानाचार्य पदों के लिए 55%एल टी याने हाई स्कूल के अध्यापक और केवल 45 %प्रतिशत लेक्चरर याने इंटरमीडिएट को पढ़ाने वाले अध्यापक होते थे।जिनका हिस्सा इन पदों के लिए 55 %था वह समाप्त हो गया था। फरवरी 2025 में हुए बजट सत्र से 5 महिने पहले शिक्षा विभाग ने अपनी गलती को स्वयं स्वीकार करते हुए 10 सितंबर 2024 को यह विभागीय परीक्षा स्थगित कर दी थी।नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया इस पत्र के जारी होने के बाद से 10 महिने बीत गए हैं।शिक्षा मंत्री के बयान प्रधानाचार्यों के पद कांग्रेस सरकार के समय से खाली हैं पर जबाब दिया कि, कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट में निर्णय लेकर उस समय लेक्चरर से प्रधानाचार्य पदों पर जो प्रमोशन किए वो आज भी शिक्षा विभाग में मिसाल हैं।शिक्षा मंत्री के कटाक्ष नेता प्रतिपक्ष अनुभवी हैं वे ही समाधान दे दें।यशपाल आर्य ने जबाब दिया जनता ने शिक्षा मंत्री को सरकार का समाधान देने के लिए चुना हैं।उन्हें पत्र लिखेंगें निश्चित ही वे सकारात्मक सुझाव देंगें।