ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ दीक्षित


फर्रुखाबाद/लापरवाही का शिकार हो रहा है जनपद का ज़िला अस्पताल डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इस सरकारी अस्पताल में फर्रूखाबाद जनपद के अलावा आसपास के जनपद एटा बदायूं,कासगंज,कन्नौज,हरदोई,शाहजहांपुर के मरीज़ भी इसी अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं।यहां डॉक्टरों की घोर लापरवाही हो रही है जिस चिकित्सक को अपनी ड्यूटी पर प्रातः 8 बजे उपस्थित होना चाहिए वो डॉक्टर 11 बजे के बाद उपस्थित हो रहा है।कोई 11 बजे कोई 12 बजे बाद ड्यूटी पर आ रहा है।ये हाल है एक बड़े सरकारी अस्पताल का।वर्तमान सरकार आमजनता को मूलभूत सुविभाओं का लाभ देने की बात भले ही कर रही है सरकारी मशीनरी का सिस्टम दिन प्रति दिन लापरवाही की जंक में जकड़ता जा रहा है जिसे निकालने के लिए शासन प्रशासन के सारे यंत्र विफल हो रहे हैं।
ईस्ट इंडिया टाइम्स दैनिक समाचार के पत्रकार ने ज़िला अस्पताल में प्रवेश किया पत्रकार के पहुंचने पर वहां मरीजों की भीड़ जमा थी सभी मरीज़ अपने अपने पर्चे लेकर चिकित्सक के कार्यालय के सामने लाइन लगाकर खड़े हुए थे डॉक्टर साहब अपने कछ से नदारद थे किसी भी डॉक्टर ने 12 बजे तक प्रवेश तक नहीं किया मरीज़ इधर उधर अपनी नज़रों से टक टकी लगाई हुए थे।जब ये हालत जिलामुख्यालय के सरकारी अस्पताल के हालात हैं छोटे अस्पतालों से आमजनता क्या उम्मीद करेगी जबकि वर्तमान सरकार अवैध कब्जे,अतिक्रमण पर बुलडोजर भले ही चला रही है क्या सरकार और प्रशासन सरकारी अस्पतालों की लेट लतीफी के अतिक्रमण पर बुलडोजर चला पाएगी या सिर्फ खानापूर्ति की कारवाही करेगी ये सवाल है आज की उस गरीब मजदूर लाचार बेबस जनता का डॉक्टर गरीब जनता के लिए भगवान का रूप माना जता है।
डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल आज फिर लापरवाही का शिकार हो गया। अस्पताल में डाक्टर साहब अपनी ओ पी डी में 12 बजे तक नहीं बैठे सारी कुर्सियां खाली दिखाई पड़ी।मरीज़ मॉर्निंग वॉक की तरह ओपीडी के चक्कर लगाते रहे।अपना पर्चा बनवाकर डॉक्टर साहब के इंतजार में बैठे-बैठे थक गए और जमीन फर्श पर ही लेट गए
सिटी स्कैन सेंटर से लेकर पूरे अस्पताल में बिजली व्यवस्था भी ठप रही 2 घंटे बाद लाइट आई ।
तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली मरीज़ डॉक्टर को दिखाए बिना ही वापस अपने घर लौट गए ,अस्पताल में ऋषिकांत वर्मा की उपस्थिति 11:बज कर 27 मिनट पर हुई और नीरज वर्मा की उपस्थिति 12:00 बजे हुई अंकित मिश्रा 12:00 बजे तक भी नहीं उपस्थित हुए कुछ डॉक्टर अपने रूम के बाहर घूमते दिखाई दिए।
आमजनता की इन समस्याओं के समाधान के लिए उम्मीद की किरण कोसो दूर हो हैं।