ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट संजीव कुमार सक्सेना

फर्रुखाबाद।
अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी की 194वीं जयंती और प्रतिभा सम्मान समारोह में आज ठंडी सड़क नवभारत सभा भवन में सम्पन्न हुआ। सपा नेत्री और पूर्व विधायक श्रीमती उर्मिला राजपूत के विवादित सम्बोधन से सनसनी फैल गई। श्रीमती उर्मिला राजपूत ने लोधी समाज के अन्य संगठनों पर हमला करते हुए कहा इस संगठन को देखकर कई नई दुकानें खुल गई है। जिनकी जरुरत नहीं है। मैंने जब से होश संभाला है। तब से अखिल भारतीय लोधी महासभा को देख रही हूं। मगर अब समाज में 8 से 10 संगठन खुल गए है। ये संगठन राजनीति पार्टियों से जुड़े हैं। जो अपने कार्यक्रम में दूसरे दल के पदाधिकारियों को अछूत मानकर नहीं बुलाते। उन्होंने समाज के लोगों की कमजोरी उजागर करते हुए कहा कि सीधे पेड़ काटे जाते हैं और कमजोर लोगों की बलि चढ़ाई जाती है। लेकिन मैं लोधी होने के बावजूद अपने को पिछड़ा नहीं मानती हूं। मैं रानी अवतीबाई की वंशज हूं किसी के भी बाप से नहीं डरती। समाज के लोगों में गुस्सा आना चाहिए श्रीमती राजपूत ने अपने दिल की पीड़ा उजागर करते हुए कहा कि मुझे कई बार अपमानित होना पड़ा। अनेकों बार अपनों ने ही अपमानित किया है। मैं किसी तरह संभल गई लेकिन लोग मेरी तबाही के इन्तज़ार में बहुत से लोग थे।उन्होंने समाज के लोगों को एक खूटे से ना बांधने की सलाह देते हुए जागरूक रहने को कहा है। सपा नेत्री ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर हमला करते हुए सजातीय लोगो से कहा कि आप लोग अयोध्या जरुर जाये और वहां देखो कि मन्दिर का निर्माण करने में अग्रिणी रहे कल्याण सिंह, उमा भारती एव साक्षी जी का नामो निशान नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग इन नेताओं को अपना गौरव मानते हैं जबकि भाजपा वाले इनको गौरवशाली नहीं मानते। श्रीमती उर्मिला राजपूत को उसी समय बुलाया गया जब मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि
मौजूद नहीं थे।