×

ईश्वर प्रकृति के कण कण मे वसे हुए है। हमें उन्हे स्मरण कर जगाना है। साध्वी उज्ज्वला भारती

ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/कम्पिल/फर्रुखाबाद
त्योरखास गांव में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से कथा के अंतिम दिवस बढ़ी संख्या मे भक्तों की भीड़ उमड़ी। प्रवचन ने साध्वी भारती जी ने आगे कहा ईश्वर प्रकृति के कण कण मे वसे हुए है। हमें उन्हे स्मरण कर जगाना है। ईश्वर ने जो राह हमारे लिए चुनी है। हमें बस उसी सत्य मार्ग पर चलना है। ईश्वर निराकार है। सत्संग के द्वारा ही मनुष्य को ईश्वर की पहचान होती है। साघ्वी वेदकरणी भारती ने अपने भजनो से बताया कि बिना ईश्वर कि भक्ति के यह जीवन बेकार है। सत्संग मे शामिल होने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते है। अंत मे मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साध्वी सुशीला भारती ने कहा की अगर कोई मनुष्य वास्तव मे ब्राह्म ज्ञान को प्राप्त करना चाहता है। तो उसे पूर्ण रूप से सतगुरु की शरण मे जाना होगा।दिव्य गुरु आशुतोष महाराज यह शाश्वत सनातन महान ब्राह्म ज्ञान प्रदान कर मानव के तन को सार्थक कर देते है। इस दौरान सौकड़ो की संख्या मे महिलाये एवम पुरुष मौजूद रहे।

Post Comment

You May Have Missed