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चंद्रप्रभ भगवान का मस्तकाभिषेक धूमधाम से कियाआयोजन में उमडी श्रद्धालुओं की भीड़

रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

बागपत/बिनौली/क्षेत्र के बरनावा गांव में श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में भगवान का मासिक मस्तकाभिषेक धूमधाम के साथ भक्तिभाव के साथ किया गया। जिसमें कई प्रांतों से आए सेंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
सर्व प्रथम भगवान का प्रथम अभिषेक सुमत प्रसाद जैन, सतीश जैन ने किया। एक ओर से शांतिधारा प्रवेश जैन, तुषार जैन, शिप्रा जैन, वरुण जैन, व दूसरी ओर से श्रीपाल जैन, संजय जैन ने की।
भगवान का मार्जन करने का सौभाग्य वीरेश जैन, हिमांशु जैन, अक्षय जैन कौ मिला। प्रथम महा आरती नवीन प्रकश जैन, चंद्रभान जैन पटवारी ने की। संगीतकार भजन गायक शुभम जैन बड़ौत द्वारा भगवान की भक्ति आराधना करते हुए विनय पाठ आरम्भ किया। इसके बाद देव शास्त्र गुरु पूजा के साथ भगवान चंद्रप्रभ विधान में श्रद्धालुओं ने श्रीजी को 72 श्रीफल समर्पित किये। इस अवसर पर हुई धर्मसभा में प्रवचन देते हुए ब्राह्मचारी प्रदीप पीयूष शास्त्री ने कहा कि यद्यपि नववर्ष की शुरुआत सनातन में आर्ष परंपरा के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होती है। जहां नव देवताओं की आराधना की जाती है, उसको नववर्ष कहते हैं। परंतु पाश्चात्य संस्कृति हम लोगों पर हमारी भारतीय संस्कृति लोक करती जा रही है। इसीलिए अज्ञानी अल्पज्ञानी जीव 31 दिसंबर को विदा
करते हैं, और नएवर्ष में मौज मस्ती कर जो कार्य नहीं करने चाहिए, वे कार्य करते हैं। सनातन परंपरा में सूर्य उदय के साथ सभी शुभ कार्य प्रारंभ किए जाते हैं। परंतु निशाचर राक्षसों की प्रवृत्ति रात्रि में हुआ करती है। इसीलिए बड़े आश्चर्य की बात है कि यह मनुष्य अपनी मानवता को छोड़कर रात्रि में राक्षसों की प्रवृत्ति करता है, और अपने जीवन के आध्यात्मिक धर्म को तोड़कर विषय वासनाओं में लिप्त हो जाते हैं। जो भारतीय संस्कृति में नहीं होना चाहिए। वे सभी कार्य 31 दिसंबर की अर्द्धरात्रि को देखने में आती है। क्योंकि पाश्चात्य संस्कृति हमारी युवा शक्तियों पर अपना प्रभाव जमा चुकी है। इसीलिए भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए अतिशय क्षेत्र कमेटी द्वारा पाश्चात्य नव वर्ष शुभकामना पर चंद्रप्रभु भगवान के महामस्तकाभिषेक आयोजन किया गया है। जिससे पूरे विश्व में शीतलता का वातावरण व सहज मानवता की प्रवृत्ति संचालित हो। हम और आप भी नए वर्ष को प्रभु की भक्ति संस्कारों के साथ मनाएं तभी हम अपनी भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रख सकते हैं।
आयोजन में क्षेत्र महामंत्री पंकज जैन ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया। रजनीश जैन, पवन जैन, संदीप जैन बोबी जैन, विनेश जैन, अशोक जैन, अलोक जैन, अनिल जैन, अमित जैन, विपिन जैन, लक्की, विकास जैन, राकेश जैन, प्रवीण जैन, संजीव जैन, विशाल जैन आदि मौजूद रहे।

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